PIL में कहा गया था कि जीसस क्राइस्ट की प्रतिमा बनाने के लिए अवैध रूप से भूमि का आवंटन किया गया था। साथ ही आरोप लगाया गया था कि दो बड़े नेताओं और उनके अनुयायियों के निजी हितों की पूर्ति करने के लिए सरकारी संपत्ति पर कब्ज़ा करने का प्रयास किया गया।
"आवंटित भूमि गोमला (चारागाह के तौर पर इस्तेमाल होने वाली सामुदायिक ज़मीन) है, न कि एक बंजर भूमि, जिसका दावा शिवकुमार ने किया था। मैंने रामनगर ज़िले के डिप्टी कमिश्नर को भूमि आवंटन पर एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।"
जीसस की यह प्रतिमा कपालीबेटा में स्थापित होगी जहाँ डीके शिवकुमार को राज्य सरकार द्वारा जीसस की प्रतिमा के लिए 10 एकड़ ज़मीन मिली थी। क्रिसमस के अवसर पर, डीके शिवकुमार ने ट्रस्ट को ज़मीन से संबंधित दस्तावेज़ सौंपे जो इस प्रतिमा को स्थापित करने की ज़िम्मेदारी संभालेंगे। इस प्रतिमा का निर्माण हार्ड ग्रेनाइट से होगा।
पिछले महीने सोनिया ने आईएनएक्स मीडिया केस में तिहाड़ में बंद रहे पी चिदंबरम से भी मुलाक़ात की थी। कॉन्ग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष का इस तरह अपनी पार्टी के दागी नेताओं से जेल जाकर मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है।
डीके शिव कुमार के वकील ने कोर्ट में अर्जी देकर शिकायत की थी कि उनके मुवक्किल को जेल में बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं उपलब्ध करवाई जा रही है, जिसकी वजह से वो पीठ दर्द की समस्या से जूझ रहे हैं।
शिवकुमार ने अपने बयानों में डीके सुरेश का नाम लिया था। इसके आधार पर ही उन्हें ईडी ने नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने जमानत याचिका पर ईडी से मॉंगा जवाब। साथ ही स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा है।
कई शिकायतकर्ता एक हाउसिंग प्रोजेक्ट के निवेशक हैं, जिन्होंने कहा है कि उनका सारा रुपया डूब गया। इसके अलावा कई अन्य किस्म के आरोप भी हैं। इनकम टैक्स द्वारा दायर की गई चार्जशीट के आधार पर ईडी शिवकुमार के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चला रही है।