"शिक्षा प्रणाली को बदला जाना चाहिए, और यह लोगों द्वारा किया जा सकता है, क्योंकि भारत में शिक्षा प्रणाली पूरी तरह से सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं है और समाज का भी इस पर कुछ नियंत्रण है। अगर समाज को लगता है कि शिक्षा प्रणाली में बदलाव होना चाहिए, तो..."
ऐसी भेदभाव पूर्ण प्रथा के बाहर आने के बाद भी किसी भी लिबरल गैंग का इस पर कोई विरोध या प्रतिक्रिया नहीं आ रही है। शायद आए भी नहीं क्योंकि यहाँ बीजेपी नेता जहाँ इस आदेश का विरोध कर रहे हैं तो वहीं लिबरल गैंग बीजेपी विरोध में घोर जातिवादी प्रथा का मौन समर्थन।
मध्य हावड़ा स्थित श्रीरामकृष्ण शिक्षालय से भी एक गंभीर मामला सामने आया था। यहाँ कक्षा एक में पढ़ने वाले एक छोटे बच्चे की सिर्फ़ इसीलिए पिटाई की गई थी क्योंकि उसने 'जय श्री राम' कहा था।
2016 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान के कई बड़े शहरों में इंटरव्यू कर डॉक्टरों की बहाली की थी। इसके अलावा पाकिस्तान के डॉक्टर्स अरब देशों में प्रैक्टिस करने जाते हैं और आगे की पढ़ाई के लिए भी वहाँ का रुख करते हैं। अब उन्हें सऊदी छोड़ने को कहा गया है।
"प्रदेश बोर्डों में अलग पाठ्यक्रम होने के कारण मेडिकल और इंजीनियरिंग के दाखिले की परीक्षाओं में ग्रामीण इलाकों के बच्चे स्पर्धा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए पूरे देश में एक बोर्ड होना चाहिए ताकि सभी बच्चे एक तरह की पढ़ाई करें और सबको बराबर का मौका मिले।"
प्रशासनिक ब्लॉक में बुधवार शाम को हुए हंगामे का हवाला देते हुए रजिस्ट्रार ने कहा है कि छात्रों का इरादा वीसी पर हमला करना था। लेकिन, वे उस वक्त अपने दफ्तर में नहीं थे। अधिकारियों के मुताबिक बुधवार शाम को हंगामा करने वाले कुछ छात्र हथियारबंद भी थे।
राज्य के 10 नए विधायकों ने अपने स्टाफ में क्लर्क के तौर पर सरकारी स्कूल के शिक्षकों की नियुक्ति की है। और तो और, क्लर्क के रूप में नियुक्त इन शिक्षकों का वेतन भी विधायक ही तय करेंगे। इनमें से 9 विधायक कॉन्ग्रेस के हैं जबकि एक बीजेपी के।
"मुस्लिम सारी दुनिया में अपना साम्राज्य स्थापित करना चाहते हैं, फलस्वरुप उन्होंने आतंकवाद फैला रखा है, जिसे ‘जेहाद’ का नाम देते हैं, परंतु इस प्रकार आतंक फैलाकर वो अपना वर्चस्व कायम नहीं रख सकते हैं।"
मीणा अभी मुनिरका में किराए पर रहते हैं। वो शादीशुदा हैं और उनकी 3 बेटियाँ भी हैं। मीणा मानते हैं कि परिवार की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने में वह ख़ासे व्यस्त रहे लेकिन उनके मन में कहीं न कहीं नियमित शिक्षा के लिए किसी कॉलेज में एडमिशन न ले पाने का दुःख ज़रूर था। उन्होंने जब जेएनयू के शैक्षिक वातावरण को देखा, तब उनकी यह इच्छा फिर से जाग उठी। वह अपनी ड्यूटी के दौरान व उसके बाद प्रवेश परीक्षा की तैयारी करते थे।
"गुजरात दंगों की पृष्ठभूमि पर आधारित एक कहानी 'Manibein alias Bibijaan' में बजरंग दल और RSS से संबंधित संगठनों को बेहद ख़राब भूमिका में दर्शाया गया है। RSS और बजरंग दल को गुजरात दंगों में हमलावर के रूप में दिखाया जा रहा है।"