केसी वेणुगोपाल के पत्र ने यह साफ कर दिया है कि कॉन्ग्रेस इमरजेंसी के दौर पर खुद तो बात नहीं ही करना चाहती बल्कि बाकी लोगों को भी इस विषय में चुप करना चाहती है।
जानिए कौन थे सर्वोदय कार्यकर्ता प्रभाकर शर्मा, जिन्होंने इंदिरा गाँधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के विरोध में आत्मदाह कर लिया था। उन्होंने कॉन्ग्रेस सरकार पर पशुबल के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए कहा था कि ऐसे शासन में ज़िंदा रहने की बजाए वो कीड़ा-मकोड़ा बन कर मल-मूत्र में रेंगना पसंद करेंगे।
आज कॉन्ग्रेस पार्टी संविधान दिखा रही है। जब राजन के पिता CM, गृह मंत्री, गृह सचिव, पुलिस अधिकारी और सांसदों से गुहार लगा रहे थे तब ये कॉन्ग्रेस पार्टी सोई हुई थी। कहानी उस छात्र की, जिसकी आज तक लाश भी नहीं मिली।
राजनाथ सिंह ने बताया कि इमरजेंसी के वक्त उन्हें जेल में डाला गया था, उस समय उनकी माँ को ब्रेन हैमरेज हुआ, 27 दिन बाद उनका निधन हुआ, लेकिन उन्हें पैरोल नहीं दी गई।