Saturday, April 27, 2024

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Emergency

इंदिरा गाँधी अपदस्थ: आज ही के दिन जस्टिस सिन्हा ने ‘फासीवादियों’ के दबाव के बावजूद सुनाया था ऐतिहासिक फैसला

इस कदम ने इंदिरा गाँधी को और भी अधिक निरंकुश बना दिया था। फिर पत्रकारों की गिरफ्तारी से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं के खून से लोकतंत्र के इतिहास का सबसे कलंकित अध्याय लिखा गया।

इमरजेंसी में स्नेहलता, आज अर्नब: विरोधियों के दमन का कॉन्ग्रेसी तरीका

वो कॉन्ग्रेस के इमरजेंसी का समय था। विरोध के कारण अभिनेत्री स्नेहलता को जेल में ऐसी यातनाएँ दी गईं कि उनकी मौत हो गई। अब अर्नब को...

मुस्लिम अगर नाली में रहना चाहते हैं तो उन्हें वहीं रहने दो: मोदी ने याद दिलाया कॉन्ग्रेस नेता का कथन

पीएम नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि कॉन्ग्रेस समान नागरिक संहिता और शाहबानो मामले से चूक गई, आज फिर एक अवसर आया है, हम महिला सशक्तीकरण के लिए एक विधेयक लाए हैं, कृपया इसे धर्म से न जोड़ें।

‘आपातकाल से जनता नाराज़ नहीं थी’: रेंगने का सपना पाले Scroll के पत्रकार शोएब के दावे का सच

'स्क्रॉल' को आपातकाल वाली फैंटसी पूरी करनी है। उसका सपना है कि काश कोई इंदिरा आज आपातकाल लगा कर उसे झुकने को कहे और वह रेंगने लगे। अंडमान-निकोबार से आँकड़े निकाल कर यह साबित किया जा रहा है कि आपातकाल से पूरा देश ख़ुश था।

इंदिरा, आपातकाल और RSS: जब सुप्रीम कोर्ट के जज ने याद किया संघ का योगदान

कुछ दिनों पहले ही सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस के टी थॉमस आरएसएस को आपातकाल से मुक्त कराने वाला बता चुके हैं। संघ के तृतीय वर्ष शिविर में उन्होंने कहा- "अगर किसी संगठन को आपातकाल से देश को मुक्त कराने के लिए क्रेडिट दिया जाना चाहिए, तो मैं आरएसएस को दूंगा।”

नफ़रतों के तीर खा कर, दोस्तों के शहर में, हमने आपातकाल पुकारा (भाग 1)

सरकार डरा रही है, तो आप मत डरिए। आप अपनी स्टोरी कीजिए और आगे बढ़िए। सबूत होंगे तो देश का सुप्रीम कोर्ट चार बजे सुबह में भी खुलता है, आतंकियों के लिए। आप तो फिर भी पत्रकार हैं!

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