Sunday, November 17, 2024

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Farooq Abdullah

शेख अब्दुल्ला ने लकड़ी तस्करों के लिए बनाया कानून, फॅंस गए बेटे फारूक अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला को जिस पीएसए एक्ट तहत हिरासत में लिया गया है उसमें किसी व्यक्ति को बिना मुक़दमा चलाए 2 वर्षों तक हिरासत में रखा जा सकता है। अप्रैल 8, 1978 को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल से इसे मंजूरी मिली थी। यह क़ानून लकड़ी की तस्करी रोकने के लिए लाया गया था।

खुश हूँ कि 370 के विरोध में कश्मीरी लड़के सड़क पर नहीं उतरे, हमारे पास और रास्ता है: शेख अब्दुल्ला की पोती

आलिया अब्दुल्ला ने बोलने के संवैधानिक अधिकार को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार को घाटी के राजनेताओं से अपनी भाषा बोलने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए और उनके (घाटी के नेताओं) विचारों का सम्मान करना चाहिए।

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साल 2015 में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने इस केस की कमान CBI को सौंप दी थी। ऐसा करने के पीछे तर्क यह दिया गया था कि फारूक अब्दुल्ला का राज्य में काफ़ी दबदबा था और ऐसी संभावना थी कि राज्य पुलिस को इस मामले की जाँच में परेशानी हो सकती थी।

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मामला 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंपा था। CBI ने गत वर्ष जुलाई में फारूक के अलावा तीन और लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की थी। जिस वक़्त यह घोटाला हुआ फारूक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे।

‘अगर अनुच्छेद 370 अस्थायी है तो भारत में जम्मू कश्मीर का विलय भी अस्थायी है’

इस अनुच्छेद की वजह से कश्मीर में आरटीआई भी लागू नहीं है। इसके अलावा शहरी भूमि क़ानून भी वहाँ लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर का अपना अलग ध्वज है और वहाँ के निवासियों के पास दोहरी नागरिकता होती है। यहाँ विधानसभा का कार्यकाल भी 6 वर्षों का होता है।

‘अपने बॉयफ्रेंड के कहने पर ज़ायरा वसीम ने लिया फ़िल्म इंडस्ट्री को अलविदा कहने का निर्णय’

"अगर मैं उन्हें कभी मिलूँगा तो उन्हें ये बात ज़रूर बोलूँगा कि वह काफी अच्छा काम कर रही थीं। ये उनकी पर्सनल च्वाइस है। बॉलीवुड में काम करने से कोई गैरमुस्लिम नहीं बन जाता है।"

फारुख अब्दुल्ला पर फूटा कश्मीरी पंडितों का गुस्सा, मंदिर में घुसने से रोका और भगाया

अगर फारूख को कश्मीरी पंडितों की इतनी ही चिंता है तो अपने कार्यकाल में उन्होंने उनकी वापसी के लिए महफूज़ माहौल तैयार करने हेतु कदम क्यों नहीं उठाए।

हम हिन्दुस्तान को तोड़ना चाहते तो हिन्दुस्तान आज होता ही नहीं: मुस्लिम नेता ने फिर उगला ‘जहर’

फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने मोदी के बयान की प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "तुम ये कहते हो कि अब्दुल्ला हिंदुस्तान को तोड़ना चाहता है। अरे, अगर हम हिंदुस्तान को तोड़ना चाहते तो हिन्दुस्तान आज होता ही नहीं।" अब्दुल्ला ने हाल ही में अनुच्छेद 370 को लेकर भी धमकी दी थी।

‘क़सम अल्लाह की, धारा 370 हटाया तो कोई नहीं उठाएगा तिरंगा, हम होंगे आज़ाद’

घाटी के सारे नेताओं के देशविरोधी बयान।महबूबा मुफ़्ती ने भी धारा 370 को लेकर कहा कि पूरा देश जल उठेगा। फ़ारूक़ के बेटे उमर ने जम्मू कश्मीर के लिए अलग पीएम-राष्ट्रपति की माँग की थी। ग़ुलाम नबी आज़ाद ने जम्मू कश्मीर पुलिस को दुश्मन बताया था।

मगर वो 40 लोग CRPF के शहीद हो गए… उसपर भी मुझे शक है – फारूक अब्दुल्ला का शर्मनाक बयान

देश के जवानों की मौत और प्रधानमंत्री के कार्यों पर सवाल उठाने वाले फारूक का नाम उन नेताओं की सूची में रह चुका हैं जिन्हें जान का खतरा होने पर सरकार द्वारा जेड प्लस सिक्योरिटी तक मुहैया कराई गई।

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