जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने फिर से एक नया विवादित बयान दिया है। उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “मैं इस जलसे में मोदी को चुनौती देता हूँ। तुम टूट जाओगे मगर हिन्दुस्तान नहीं टूटेगा। तुम ये कहते हो कि अब्दुल्ला हिंदुस्तान को तोड़ना चाहता है। अरे, अगर हम हिंदुस्तान को तोड़ना चाहते तो हिन्दुस्तान आज होता ही नहीं।” कई बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके अब्दुल्ला यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। वो नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष भी हैं। उनके बेटे उमर अब्दुल्ला भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। ऐसे में, अब्दुल्ला चुनावी मौसम में लगातार देश-विरोधी बयान दे रहे हैं।
Farooq Abdullah, National Conference (NC) in Srinagar: Mai Modi ko challenge karta hoon is jalse mein, ki tum toot jayoge magar Hindustan tutega nahi. Tum yeh kehto ho ki Abdullah Hindustan ko todna chahte hain, arrey hum Hindustan ko todna chahte to Hindustan hota hi nahi. pic.twitter.com/BSlXMvmjxy
— ANI (@ANI) April 15, 2019
फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने आगे कहा कि भाजपा भावनात्मक मुद्दों को उछालकर लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है। उन्होंने कहा कि ये लोग भारतीय संविधान के बुनियादी ढाँचे को बदलना चाहते है जिसमें सभी को बराबरी का अधिकार और अवसर प्रदान किया गया है। बकौल फ़ारूक़, यह वही संविधान है जो उनके राज्य (जम्मू-कश्मीर) को संवैधानिक सुरक्षा प्रदान करता है। फ़ारूक़ का बयान पीएम मोदी के उस बयान की प्रतिक्रिया में आया है जिसमे उन्होंने कहा था कि महबूबा और अब्दुल्ला पूरा कुनबा उतार दें तब भी भारत को तोड़ा नहीं जा सकता। नरेंद्र मोदी ने कहा था:
“वे (अब्दुल्ला और मुफ़्ती) चाहे अपना पूरा कुनबा मैदान में उतार लें, जितनी मर्जी गालियाँ दें, लेकिन वे देश को नहीं तोड़ पाएँगे। अब्दुल्ला व मुफ्ती परिवार अपने पूरे कुनबे को मैदान में उतार दें। चाचा, मामा, भाई भतीजा, भांजा, साला, सबको उतार दें और जितनी मर्जी गालियाँ मोदी को देनी हैं दे दो लेकिन इस देश के टुकड़े नहीं कर पाओगे।”
पुलवामा हमले के बाद फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए उन 40 जवानों की वीरगति पर संदेह जताया था जो पुलवामा हमले का शिकार हुए थे। उन्होंने कहा था, “कितने सिपाही हिंदुस्तान के छत्तीसगढ़ में शहीद हुए, क्या कभी मोदी जी वहाँ गए, उन पर फूल चढ़ाने के लिए, या उनके खानदान वालों से हमदर्दी की? या जितने जवान यहाँ मरे उस पर कुछ कहा… मगर वो 40 लोग सीआरपीएफ के शहीद हो गए… उस पर भी मुझे शक है।”
हाल ही में उन्होंने कश्मीर की कथित आज़ादी का राग अलापा था। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा के घोषणापत्र पर ज़हर उगलते हुए चुनौती स्वरूप कहा था कि देखते हैं, कौन अनुच्छेद 370 हटाता है। उन्होंने कहा था, “बाहर से लाएँगे, बसाएँगे और सोते रहेंगे? हम इसका मुक़ाबला करेंगे। अनुच्छेद 370 को कैसे ख़त्म करोगे? अल्लाह की क़सम कहता हूँ। अल्लाह को यही मंज़ूर होगा कि हम इनसे आज़ाद हो जाएँ। करें, अनुच्छेद 370 हटाएँ, हम भी देखते हैं। देखते हैं फिर कौन इनका झंडा उठाने के लिए तैयार होता है।“
फ़ारूक़ अब्दुल्ला भाजपा के ख़िलाफ़ कश्मीर के साथ-साथ देश भर में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने आंध्र प्रदेश पहुँच कर चंद्रबाबू नायडू के लिए प्रचार किया था। नायडू ने उन्हें मुस्लिम बहुल इलाक़ों में घुमाया था और मुस्लिमों से कई वादे किए थे। कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों ने हाल ही में कई विवादित बयान दिए हैं।