अनुच्छेद 370 हटने पर कश्मीर की ‘आज़ादी’ की धमकी देने वाले फारूख अब्दुल्ला जब कश्मीरी पंडितों के बीच पहुँचे तो अपने घरों से दरबदर कश्मीरी पंडितों का गुस्सा उनके खिलाफ फूट पड़ा। ज्येष्ठा देवी मंदिर में उन्हें घेर कर मोदी-समर्थक नारेबाज़ी की गई और “हर-हर महादेव” का भी घोष हुआ। अंत में उन्हें वहाँ से वापिस जाना पड़ा।
When Farooq Abdullah reached the temple, he was greeted with angry sloganeering.
— India Today (@IndiaToday) June 13, 2019
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पंडित नाराज़, क्यों नहीं किया वापसी के लिए कुछ अगर चिंता थी
हर मौके पर अपना ‘सेक्युलरिज़्म’ दिखाने के लिए कश्मीरी पंडितों के सामूहिक हत्याकांड पर अफ़सोस जताने वाले और उन्हें वापिस लाने की बात करने वाले कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूख अब्दुल्ला ज्येष्ठा देवी मंदिर पहुँचे हुए थे। वहाँ मौजूद पंडितों ने उन्हें घेर लिया और जम कर नारेबाजी होने लगी। वहाँ मौजूद कुछ पंडितों का मानना था कि उनकी कश्मीर और बाकी जगह बदहाली के लिए फारूख अब्दुल्ला सीधे-सीधे जिम्मेदार हैं। उनका कहना था कि अगर उन्हें कश्मीरी पंडितों की इतनी ही चिंता है तो अपने कार्यकाल में उन्होंने कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए महफूज़ माहौल तैयार करने हेतु कदम क्यों नहीं उठाए।
उन्होंने लोगों को शांत करने की बहुत कोशिश की, लेकिन लोगों के आगे उनकी एक न चली। उन्होंने मंदिर के अंदर घुसने की भी कोशिश की लेकिन भीड़ ने रास्ता रोक लिया। यहाँ तक कि उनके सहायकों की एक बार उनकी (अब्दुल्ला की) बातें एक बार सुन-भर लेने की गुज़ारिश भी कश्मीरी पंडित सुनने को नहीं तैयार हुए। अंत में हारकर उन्हें वहाँ से हटना पड़ा।