Tuesday, July 15, 2025
Homeदेश-समाजकौन है छोटी सी बच्ची लवली, कितना कठिन है उसका संघर्ष, गौतम अडानी को...

कौन है छोटी सी बच्ची लवली, कितना कठिन है उसका संघर्ष, गौतम अडानी को मदद के लिए क्यों आना पड़ा आगे: जानिए सब कुछ

लवली नाम की इस बच्ची के बारे में एनडीटीवी के रिपोर्टर रवीश रंजन शुक्ला ने 13 मई 2024 को वीडियो पोस्ट किया था, जिसे देखने के बाद गौतम अडानी ने बच्ची की मदद का फैसला लिया है।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की एक बच्ची की मदद के लिए उद्योगपति गौतम अडानी सामने आए हैं। उन्होंने बच्ची की मदद का फैसला किया है। बच्ची का नाम लवली है और वो लखीमपुर खीरी के कंधरापुर गाँव की रहने वाली है। लवली की माँ की मौत बचपन में ही हो गई थी, और उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली। बच्ची की देख-रेख उसके बूढ़े दादा-दादी करते हैं। अब अडानी फाउंडेशन बच्ची की न सिर्फ आर्थिक मदद करेगा, बल्कि इलाज का भी पूरा खर्च उठाएगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, लवली का बायाँ पैर और हाथ बचपन से ही टेढ़ा है, जिसकी वजह से उसे रोजमर्रा के कामों में भारी दिक्कत उठानी पड़ती है। बच्ची के दादा-दादी उसके इलाज का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। लवली नाम की इस बच्ची के बारे में एनडीटीवी के रिपोर्टर रवीश रंजन शुक्ला ने 13 मई 2024 को वीडियो पोस्ट किया था, जिसे देखने के बाद गौतम अडानी ने बच्ची की मदद का फैसला लिया है।

गौतम अडानी ने शुक्रवार (17 मई 2024) को एक्स पर पोस्ट किया, “एक बेटी का बचपन यूँ छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अडानी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले। वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

जानकारी के मुताबिक, बच्ची बचपन से ही दिव्यांग है। वो पाँचवीं कक्षा में पढ़ती है। अदानी फाउंडेशन की तरफ से मदद का हाथ बढ़ाए जाने के बाद बच्ची के दादा ओमप्रकाश ने उम्मीद जताई है कि बच्ची न सिर्फ ठीक हो जाएगी, बल्कि उसका भविष्य भी संवर जाएगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पहले ‘पायलट की गलती’ वाली खबर चलाई, फिर फ्यूल कंट्रोल स्विच पर किया गुमराह: क्या एअर इंडिया हादसे में विदेशी मीडिया ने पहले ही...

लगता है कि सारा दोष पायलटों पर मढ़ के बोइंग की साख को बचाने के लिए किया जा रहा है। पायलटों को बलि का बकरा बनाना बोइंग की पुरानी आदत रही है।

भारत-नेपाल सीमा पर इस्लामी कट्टरपंथियों का डेरा, मस्जिद-मजार जिहाद के लिए दक्षिण भारत से आ रहा मोटा पैसा: डेमोग्राफी भी बदली, ₹150 करोड़ फंडिंग...

भारत-नेपाल सीमा पर डेमोग्राफी बदलने का बड़ा खेल उजागर हुआ है। यहाँ आयकर विभाग को 150 करोड़ की फंडिंग के सबूत मिले हैं।
- विज्ञापन -