“ना मैं मुख्यमंत्री का उम्मीदवार हूँ और ना ही मेरी काबिलियत है। मैं राजनीति में विधायक या सांसद बनने नहीं आया था। 'जहाँ हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है' और अयोध्या में राम मंदिर के सपने के साथ आया था। दोनों काम पूरा हो गया है।”
विधायक बोगो बाबू ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार को पूर्णतया उदासीन करार दिया। उन्होंने कहा कि इन लोगों (बिहार सरकार व प्रशासन) की मानवीय संवेदना जीरो पर आउट हो गई है (शून्य हो गई है) और उन्हें मानवता से कोई मतलब नहीं है।
"एसडीओ साहब भला गाड़ी से क्यों उतरेंगे? वो तो बाबू हैं, साहब हैं। बहुत बड़े आदमी हैं। बाढ़ पीड़ितों से मैंने आपकी काफ़ी तारीफ सुनी है। कोशिश कीजिए कि मुझे ये दोबारा सुनने को न मिले। पीड़ितों के लिए कैम्प लगाइए नहीं तो आपके दफ़्तर के बाहर धरना दूँगा। ।"
केंद्रीय मंत्री ने कई इस्लामी देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ भी जनसंख्या नियंत्रण क़ानून है, लेकिन भारत में उसका विरोध किया जाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि जहाँ-जहाँ हिन्दुओं की जनसंख्या गिरती है, वहाँ-वहाँ सामाजिक समरसता को ख़तरा पैदा हो जाता है।
गिरिराज सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी अपने राजनीतिक विरोधियों का दमन करने के लिए उसी तरह की क्रूरता पर उतर आई हैं, जैसा कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन करते हैं।
देश की पहली रक्षा मंत्री बनकर इतिहास रचने वाली निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर से पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनने का गौरव अपने नाम कर लिया है। हालाँकि, इससे पहले प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गाँधी ने 1970 से 1971 के बीच वित्त मंत्री का अतिरिक्त कार्यभाल संभाला था।
बढ़ती जनसंख्या विकास में बाधक है। ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी है, ताकि देश का विकास किया जा सके। देश की आबादी को 150 करोड़ से अधिक नहीं होने दिया जाना चाहिए।
चुनावी माहौल में इस तरह की खबरें अभी तक केवल पश्चिम बंगाल से सुनने-देखने को मिलीं थी, लेकिन रुझान आने के बाद अब ये दृश्य सीपीआई के कार्यालय के बाहर भी देखने को मिल रहा है।
विवादास्पद मलयालम फिल्म 'सेक्सी दुर्गा' का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने फिल्मों के नाम पर अभिव्यक्ति की आजादी को पैगंबर मोहम्मद और फातिमा से जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि इन दोनों पर फिल्म बनाने का साहस किसी में नहीं।
गिरिरज सिंह ने प्रशासन को भी निशाने पर लिया और कहा कि जब उनके द्वारा कोई बयान दिया जाता है, तो उस पर चुनाव आयोग एवं प्रशासन द्वारा तुरंत संज्ञान लेता है। लेकिन जब शेहला रशीद द्वारा हिंदू भावनाओं को भड़काया गया तब सारे विरोधी लोग कहाँ हैं?