क्या पाकिस्तान अब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने अपने आतंकियों की परेड करवाएगा ताकि वह भारत के दावों को नकार सके? क्या वह 350 आतंकियों को UN के सामने ले जाकर कहेगा- 'लो देखो, हमारे सारे आतंकी अभी भी ज़िंदा हैं। भारत झूठ बोल रहा।'
भारतीय विमान पाकिस्तान के रडार सिस्टम से बच निकलने में सफल रहे क्योंकि भारतीय वायुसेना ने इस सुनियोजित और प्रोफेशनल ऑपरेशन के दौरान चुनिंदा रूट्स का इस्तेमाल करने के साथ-साथ अत्याधुनिक जैमिंग तकनीक का प्रयोग किया था।
डॉक्टर मनमोहन सिंह ने तत्कालीन वायुसेना प्रमुख को सीमा पार आतंकियों पर 'एयर स्ट्राइक' करने से रोक दिया था क्योंकि उन्हें युद्ध का डर था। नेहरू भी सेना पर भरोसा नहीं करते थे। अब भारत जवाब देता है क्योंकि अब सरकार के पास मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति है।
जहाँ पाक सेना ने 'कुछ भी नहीं हुआ, भारतीय वायु सेना के जहाज जल्दी भाग गए' बोलकर अपनी इमेज बचाई, वहीं पाकिस्तानी नागरिकों ने अपनी सरकार और आर्मी की जमकर क्लास लगाई।
पाकिस्तान को सपने में भी यह अंदेशा नहीं था कि भारतीय वायुसेना इतनी अंदर तक घुस सकती है। सूत्रों के अनुसार, वायुसेना ने बालाकोट में आज मंगलवार (फरवरी 26, 2019) तड़के 3.45 से 3.53 तक बमबारी कर आतंकी कैम्पों को तबाह कर दिया।
दोनों देशों ने आपात बैठक बुलाई है। एक तरफ जहाँ पीएम मोदी खुद इमर्जेंसी बैठक का नेतृत्व कर रहे हैं, वहीं पाकिस्तान में यह बैठक विदेश मंत्रालय के नेतृत्व में किया जा रहा है।
वायु शक्ति प्रदर्शन में सुखोई 30-MKI, मिराज 2000, जगुआर, मिग 27, तेजस, हॉक जैसे विमान मुख्य थे। इसके अलावा एयर डिफेंस सिस्टम, सरफेस कोर्सेज, ऑपरेशन सर्च व रेस्क्यू का भी प्रदर्शन किया गया।
भारत ने पहले प्रस्तावित 126 विमान सौदे की तुलना में 36 राफेल विमान अनुबंध में 'इंडिया स्पेसिफिक एनहांसमेंट (India Specific Enhancement)' के मामले में 17.08% बचाने में कामयाबी हासिल की।