Sunday, May 12, 2024

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Indian Independence

किराये के घर में रहने वालों को तोहफा, सस्ती दवाओं के लिए 25000 ‘जन औषधि केंद्र’ का लक्ष्य, रेहड़ी वालों के लिए ‘विश्वकर्मा योजना’:...

"रेहड़ी-पटरी वालों के साथ ही सुनार, सुतार, राजमिस्त्री, बाल काटने वाले, औजारों-हाथों से काम करने वाले वर्ग को हम नई ताकत देने जा रहे हैं।"

लाल किले से PM मोदी ने गिनाए काम: गाँवों में 2 करोड़ ‘लखपति दीदी’ का दिखाया सपना, 75 हजार अमृत सरोवर का संकल्प

पीएम मोदी ने कहा कि साल 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, उस समय दुनिया में विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए।

2014 और 2019 के जनादेश के लिए जताया आभार, कहा- मैं अगले 15 अगस्त को फिर आऊँगा: लाल किले से PM मोदी ने बता...

लाल किले से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने 2024 का एजेंडा भी सेट कर दिया। हर सपने को पूरा करने का भरोसा दिलाया।

जो उतरे थे मुर्दा लाशों को लड़ने का पाठ पढ़ाने… प्रेमचंद-दिनकर से लेकर भारतेन्दु-मैथिलीशरण तक, कलम से कुछ यूँ आज़ादी का अलख जगा रहे...

प्रेमचंद की 'रंगभूमि', 'कर्मभूमि' उपन्यास हो या भारतेंदु हरिश्चंद्र का 'भारत-दर्शन' नाटक या जयशंकर प्रसाद का 'चंद्रगुप्त'- सभी देशप्रेम की भावना से भरी पड़ी है।

देश मणिपुर के साथ, शांति से ही निकलेगा समाधान: लाल किले से PM मोदी, लखपति दीदी और विश्वकर्मा योजना लाएगी सरकार

लाल किले से देश को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि देश की 2 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य उनकी सरकार ने रखा है।

‘महिला सशक्तिकरण पर दिया जा रहा विशेष ध्यान, G20 ने कूटनीति को जमीन से जोड़ा’: 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बोलीं राष्ट्रपति...

"स्कूलों और कॉलेजों में G-20 से जुड़े विषयों पर आयोजित की जा रही गतिविधियों में विद्यार्थी उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। G-20 से जुड़े कार्यक्रमों के बारे में सभी नागरिकों में बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है।"

पुलवामा में तिरंगा लेकर निकले हजारों लोग, गूँजा राष्ट्रगान: जम्मू कश्मीर में ‘मेरा माटी, मेरा देश’ की धूम, जिले-जिले में राष्ट्रवादियों का हुजूम

पुलवामा में हजारों ने 'मेरी माटी, मेरा देश' तिरंगा रैली में भाग लिया। यह उत्सव प्रगतिशील भारत के 77 गौरवशाली वर्षों के इतिहास को दर्शाता है।

जब गोविंद गुरु के नेतृत्व में एकजुट हुए भील, अंग्रेजों ने बिछा दी थीं 1500 लाशें: मानगढ़ में हुआ था जलियाँवाला से कई गुना...

अंग्रेज, भगतों को जबरदस्ती बंदी बना रहे थे, उन्हें शराब पिला रहे थे तथा यज्ञ कुंडों पर पशुओं की हत्या कर के उसे अपवित्र कर रहे थे। मानगढ़ में हुआ था नरसंहार।

झाँसी को क्रांतिकारियों की शरणस्थली बनाने वाले ‘मास्टर’, जो चुका रहे थे ‘रानी सा’ का कर्ज: घर के बाहर पुलिस, फिर भी आज़ाद को...

मास्टर जी जी की दिलेरी का यह हाल था कि वो खाली समय में अपने दरवाज़े पर नियुक्त पुलिस वाले से पंजा लड़ा कर अपना वक्त गुज़ारा करते थे। झाँसी में उनके यहाँ ही रुके थे चंद्रशेखर आज़ाद।

दम्बूक-दम्बूक… जब एक छोटे से बच्चे ने अटका दी थी बड़े-बड़े क्रांतिकारियों की साँसें, चंद्रशेखर आज़ाद ने ऐसे होशियारी से सँभाला मामला

बच्चे ने इसके बाद सभी पर अपनी 'दम्बूक' से निशाना साधा और सभी ज़मीन पर गिरने लगे। आज़ाद गोदी में लिए बच्चे को बाहर आ गए और जीजाजी के हवाले कर दिया।

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