Friday, November 15, 2024

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Kulbhushan Jadhav

ICJ की फटकार के बाद आर्मी एक्ट बदलेगा पाक, सिविल कोर्ट में अपील दायर कर पाएँगे कुलभूषण जाधव

इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस (ICJ) के निर्देशों का पालन करने के लिए पाकिस्तान आर्मी एक्ट में बदलाव करेगा। इसके बाद जाधव सिविल कोर्ट में अपील दायर कर सकेंगे। फिलहाल यह मामला सैन्य अदालत में है।

बाज नहीं आया पाक: 2017 में शीशे के स्क्रीन का पर्दा, काउंसलर एक्सेस के दौरान भी जाधव पर बिठाया पहरा

जाधव 2016 से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। भारतीय नौसेना के इस पूर्व अधिकारी को उसने ईरान से अगवा किया था जहॉं वे कारोबार के सिलसिले में गए थे। बाद में उसने जासूसी का आरोप लगाते हुए उन्हें मौत की सजा सुनाई थी, जिस पर आईसीजे ने रोक लगा रखी है।

जाधव पर अत्यधिक दबाव बना कर झूठ बोलने को किया जा रहा मजबूर: भारतीय राजनयिक का खुलासा

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है कि जाधव को जल्द से जल्द न्याय मिले और उनकी सकुशल वतन वापसी हो सके।

पाकिस्तानी जेल में कैद कुलभूषण जाधव से मिले भारतीय राजनयिक, 2 घंटे चली मुलाकात

जाधव को ईरानी बंदरगाह से अगवा कर पाकिस्तान ने जासूसी और आतंकवाद के जुर्म में 2017 में मौत की सज़ा सुनाई थी। इसके खिलाफ भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने सजा के तामील पर रोक लगा दी थी।

कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने के लिए मजबूर हुआ पाकिस्तान, तारीख तय

पाकिस्तान ने निर्णय लिया है कि जाधव को वियना संधि के तहत काउंसलर एक्सेस दी जाएगी। बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान द्वारा भारत द्वारा काउंसलर एक्सेस की तमाम माँगों को खारिज कर दिया गया था।

भारत की कूटनीतिक जीत: कुलभूषण जाधव को राजनयिक मदद मुहैया करवाएगा पाकिस्तान

पाकिस्तान का यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के दबाव में लिया गया है। इसे भारतीय कूटनीति के विजय के रूप में भी देखा जा रहा है। क्योंकि इससे पहले पाकिस्तान लगातार कुलभूषण जाधव को राजनयिक मदद देने से इनकार करता रहा है।

Fact Check: जाधव केस में शशि थरूर ने की थी सुषमा स्वराज की मदद?

अप्रैल 2017 में भी कहा गया था कि कुलभूषण जाधव को फाँसी की सज़ा दिए जाने के विरोध में भारत द्वारा तैयार प्रस्ताव में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने थरूर की मदद ली थी। सुषमा ने इसे मीडिया में प्लांट की गई ख़बर बताया था।

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पाकिस्तान ने वियना संधि का सीधा-सीधा उल्लंघन करते हुए भारत द्वारा कुलभूषण जाधव को किसी भी प्रकार का क़ानूनी मदद (काउंसलर एक्सेस) मुहैया कराने की अनुमति नहीं दी। जब कुलभूषण की माँ और पत्नी उनसे मिलने गई, तब उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।

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भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जाधव तक कॉन्सुलर एक्सेस न देने को लेकर पाकिस्तान के ख़िलाफ़ याचिका दायर की और सैन्य अदालत के फैसले को चुनौती दी। 15 मई, 2017 को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भारत और पाकिस्तान की दलीलें सुनने के बाद मामला सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।

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