बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा के बीच एक तरफ जहाँ तस्वीरें सामने आ रही हैं कि भारत में शरण लेने के लिए हजारों लोग सीमा पर खड़े हैं। वहीं दूसरी तरफ भारत में अलग-अलग राज्यों से बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े जा रहे हैं।
हिंडेनबर्ग ने ऐसा साबित करने की कोशिश की है जैसे उक्त कंपनी धवल और माधवी की ही हो जबकि उनका शेयर मात्र डेढ़ प्रतिशत का था। कौन सा नशा लेकर इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है? 2015 में जब का ये मामला है, तब माधवी पुरी SEBI में थीं ही नहीं।
सेबी ने पिछले 2 वर्षों में 300 सर्कुलर जारी किए हैं, ताकि कारोबार करना आसान होता जाए। बोर्ड के सभी सदस्य हितधारकों से राय-विचार के बाद ही फैसले लेते हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की माँग करते हुए शनिवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।