कॉन्ग्रेस उम्मीदवार के पास टीवी-18 ब्रॉडकास्ट लिमिटेड के ₹3.52 लाख के शेयर हैं जिसके द्वारा CNBC-टीवी-18, CNBC आवाज, CNBC-टीवी 18 प्राइम HD, CNN-न्यूज 18, न्यूज 18 इंडिया और IBN लोकमत जैसे विभिन्न समाचार चैनल चलाए जाते हैं।
बिहार की राजनीति को समझने वाले लोग जानते हैं कि यहाँ लालू यादव जैसा वरिष्ठ और अनुभवी नेता भी संसदीय चुनाव हार सकता है, तो इन हवा-हवाई सेलेब्स की बात पर यहाँ की जनता शायद ही ध्यान दे। शबाना आज़मी और जावेद अख़्तर का न तो यहाँ जनाधार है और न ही उनका ऐसा कोई प्रभाव है कि उन्हें सुनने के लिए भीड़ जुटे।
इस समय पूरे विपक्ष की हालत एक जैसी हो चुकी है। सब भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए लुभावने वादे कर रहे हैं। कॉन्ग्रेस का हाल हम उसके घोषणा पत्र में देख ही चुके हैं। अब अखिलेश, मायावती और चंद्रशेखर की राजनीति भी उनपर सवालिया निशान लगा रही है।
“बापू ने 1947 में कहा था, कॉन्ग्रेस का काम समाप्त, अब कॉन्ग्रेस का विसर्जन कर दो। वो जानते थे कि कॉन्ग्रेस का मतलब अब एक परिवार होने जा रहा है। बापू के सपने को साकार करने के लिए भाई-बहन आ चुके हैं।”
भले ही पी चिदंबरम अपने इस ट्वीट के ज़रिए यह दिखाना चाहते हों कि उन्हें आयकर विभाग की छापेमारी से डर नहीं लगता, लेकिन सच्चाई तो यह है कि वो सीएम कमलनाथ के क़रीबियों के ठिकानों पर अचानक हुई छापेमारी से सहमे हुए हैं। वजह साफ़ है। उनके बेटे और उनकी पत्नी...
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गाँधी और कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के नामांकन पत्र भरने के बाद वह पूरे भारत में कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए प्रचार करेंगे।
राहुल गाँधी ने जहाँ हर गरीब परिवार को ₹72,000 सालाना देने का वादा किया है, वहीं अगर चंद्रबाबू नायडू की पार्टी सत्ता में आती है, तो हर साल प्रत्येक परिवार को ₹2 लाख दिए जाएँगे। इसके साथ ही टीडीपी ने 12वीं पास कर चुके छात्रों को बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही है।
इस साल उन्होंने अस्का और बेरहामपुर लोकसभा सीटों से अपना नामांकन दाखिल किया। एक प्रमाणित होमियोपैथ, श्री सुबुद्धि कहते हैं कि वह राज्य में तीन खाली राज्यसभा सीटों पर भी चुनाव लड़ेंगे, जिसके लिए चुनाव 11 जून को होंगे।
ख़ुद के साथ हुए इस अन्याय के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के लिए सभी महिलाएँ एकजुट हुईं और अपनी आवाज़ बुलंद करने का निर्णय लिया। कार्ति के आगमन पर एक महिला ने पूछा कि जब वह वादा किए हुए ₹500 भी नहीं दे सकते, तो भला वो ₹6,000 कैसे देंगे।