जब उसे गिरफ्तार किया गया, उस समय वह संसद के गेट नंबर-8 से प्रवेश कर रहा था। अख्तर खान को बाद में पूछताछ के लिए पुलिस को सौंप दिया गया। उसने कहा कि वह प्रवेश करने से पहले कारतूस बाहर निकलना भूल गया था।
निलंबित होने वालों में गौरव गोगोई, टीएन प्रतापन, डीन कुरीयकोसे, आर यूनिथन, माणिक टैगोर, बेनी बहनन और गुरजीत औजला हैं। कॉन्ग्रेस के इन सातों सांसदों को लोकसभा की मर्यादा तोड़ने के लिए निलंबित कर दिया गया है।
"गाँधी खानदान के सदस्य ने कहा है कि महिलाओं का बलात्कार होना चाहिए। देश में हर कोई बलात्कारी नहीं है। जो बलात्कारी है उसे कानून सजा देता है। हर महिला को कलंकित नहीं किया जा सकता है, इस पर एक्शन लेना चाहिए।"
ओवैसी ने नागरिकता संशोधन विधेयक को करोड़ों यहूदियों की हत्या का आदेश देने वाले जर्मन तानाशाह हिटलर के कानूनों से भी बदतर बताया। साथ ही कहा कि एक ऐसा कानून लाया जा रहा है जो नागरिकता के लिए आस्था को पैमाना बनाता है।
CAB पास होने के बाद बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान से आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के शरणार्थियों को 'अवैध इमिग्रेंट' नहीं माना जाएगा। उन्हें भारत का नागरिक बनाने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
"सदन में कुछ पुरुष सांसद मेरी ओर बॉंह चढ़ाकर आए। उनमें से एक ने कहा कि स्मृति ईरानी बोल क्यों रही है? जो कुछ हुआ उससे मैं स्तब्ध हैं। क्या बीजेपी का सांसद होना मेरी गलती है?"
ईरानी की पीछे वाली सीट पर बैठी सांसद संगीता देव ने कहा कि कांग्रेस सांसद आस्तीन चढ़ाकर मारने के अंदाज में आए थे। यह घटना तब हुई जब ईरानी ने बंगाल में रेप की घटनाओं पर विपक्ष की चुप्पी को लेकर सवाल उठाए।
पूर्व विदेश राज्य मंत्री और संयुक्त राष्ट्र राजनयिक रह चुके कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर ने विदेश मामलों की संसदीय प्रवर समिति (स्टैंडिंग कमिटी) से अपना नाम वापस ले लिया है। इसका कारण उन्होंने संसद की ही दूसरी, सूचना प्रौद्योगिकी समिति के कार्यों में व्यस्तता को कारण बताया है।
जो पूर्व सांसद सरकारी आवास खाली करने में आनाकानी कर रहे हैं, उनके घर में बिजली और पानी की सप्लाई काट दी जाएगी। कॉन्ग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इसे 'मोदी की मनमानी' बताते हुए कहा कि पूर्व सांसदों को क्लर्क से भी कम वेतन मिलता है।
लोकसभा में अमित शाह की ओर से लाया गया संकल्प स्वीकार किया गया है। इसके पक्ष में 370 और विपक्ष में 70 वोट पड़े हैं। एक सांसद ने अपना मत नहीं डाला, जबकि कुल 441 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा लिया है। इसके साथ ही लोकसभा से भी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पास हो गया है।