कॉन्ग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर जब भी कोई बयान देते हैं या फिर कोई अजीबोगरीब हरकतें करते हैं, उसका फ़ायदा भाजपा को ही मिलता है। शायद यही कारण है कि पार्टी उन्हें एकांतवास में रखती है। लेकिन वो अचानक से बीच-बीच में निकल आते हैं और अपनी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा देते हैं।
अक्सर विवादित बयानों के कारण सुर्ख़ियों में रहने वाले अय्यर ने हाल ही में आंध्र प्रदेश के विभाजन को कॉन्ग्रेस की रणनीतिक भूल करार दिया था। वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता जयपाल रेड्डी का राजनीतिक करियर ख़त्म होने के लिए भी इसी निर्णय को दोषी ठहराया था।
कॉन्ग्रेस ने 2014 में आंध्र प्रदेश का विभाजन किया था, जिसके बाद तेलंगाना के रूप में एक नया राज्य अस्तित्व में आया। जब अनुच्छेद 370 को लेकर संसद में बहस चल रही थी, तब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कॉन्ग्रेस को याद दिलाया था कि कैसे आंध्र का विभाजन अलोकतांत्रिक तरीके से किया गया था।
यह एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी की दास्ताँ है, जिसे उसका वास्तविक हक कभी नहीं मिला। वर्तमान कॉन्ग्रेस को शायद जानकारी नहीं है। साल 1923-24 में कॉन्ग्रेस अधिवेशन की महात्मा गाँधी अध्यक्षता कर रहे थे, तो सावरकर के सम्मान में कविता पाठ किया गया था।
मणिशंकर अय्यर ने एक लेख में मोदी की रैलियों और उनके बयानों का हवाला देते हुए कहा, "याद है 2017 में मैंने मोदी को क्या कहा था?" अपने लेख में अय्यर ने पूछा कि क्या उनकी भविष्यवाणी सही नहीं थी?