अंग्रेजों ने बनाए कुछ मुस्लिम नेता, जिन्होंने 'काफिर राजा' के विरुद्ध कुरान का हवाला देकर मुस्लिमों को भड़काया। फिर संगठित ढंग से हिन्दुओं का नरसंहार हुआ और उनकी दुकानें-घर लूट लिए गए। अंततः 'बुद्धिजीवियों' ने इस इस्लामी दंगे को 'सामंती राजा के खिलाफ जनता का विद्रोह' बता कर दंगाइयों को श्रद्धांजलि देनी शुरू कर दी।
मोपला मुस्लिमों द्वारा मालाबार में किए गए हिंदू नरसंहार को 2021 में 100 वर्ष हो गए हैं। ऐसे में केरल सरकार इन प्रयासों में जुटी है कि कैसे भी इसका जिक्र धो पोंछ कर बराबर हो।
मुस्लिम और ईसाई अपने मजहबी प्रतीकों का उपयोग रक्षा के लिए कर रहे थे। जबकि हिंदुओं की पहचान के लिए अभियान चला। पीले रंग से बड़े अक्षरों में उनकी संपत्तियों पर ‘H’ लिखा गया।