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Massacre
यह जोगेंद्रनाथ का आँगन है, यहीं 60 लोगों को लाइन में खड़ा कर मारी थी गोली… नीवा, काली, रानी आज भी उन जख्मों संग...
6 नावों पर बैठकर 150 पाकिस्तानी आए। जोगेंद्रनाथ पाल के आँगन में 60 पुरुषों को खड़ा किया... मुक्ति से पहले बांग्लादेश में बर्बरता की एक कहानी।
खून पर खून और खून के बदले खून: बिहार में जातीय नरसंहार के बूते लालू ने कुछ यूँ खड़ी की थी ‘सामाजिक न्याय’ की...
अगस्त 12-13, 1992 का दिन। गया जिला का बारा गाँव। माओवादियों ने इलाके को घेरा और 'भूमिहार' जाति के 35 लोग घर से निकाले गए। पास में एक नहर के पास ले जाकर उनके हाथ बाँधे गए और सबका गला रेत कर मार डाला गया। लालू राज में जाति के नाम पर ऐसी न जाने कितनी घटनाएँ हुईं।
कहानी खूनी मिंजर की: संप्रदाय विशेष के स्थानीय लोगों ने आतंकियों को दी थी शरण… और चम्बा में मार डाले गए थे 35 हिन्दू
कहानी हिमाचल के चम्बा में हुए हिन्दुओं के नरसंहार की। आतंकियों ने जैसे ही गरीब हिन्दू मजदूरों को सोते हुए देखा, फायरिंग शुरू कर दी।
84 के उलट 48 में भी हुआ था एक दंगा, कॉन्ग्रेसी नेताओं ने कराया था ब्राह्मणों का नरसंहार
याद रहे कि 84 के उलट 48 में भी एक दंगा हुआ था, कॉन्ग्रेसियों ने ही कराया था। इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद जो हुआ, वो लगभग सबको याद है लेकिन 1948 को भी याद रखना जरूरी है, ताकि कॉन्ग्रेस के असली DNA को पहचाने सकें।