टैक्स चोरी के आरोपों में कार्रवाई का सामना कर रहा दैनिक भास्कर इस तरह का माहौल बनाने की कोशिश कर रहा जैसे उसे कथित निर्भीक पत्रकारिता का 'दंड' दिया जा रहा है।
मीडिया गिरोह ने इसे 'इनवेस्टिगेटिव आर्टिकल' के रूप में पेश करते हुए दावा किया कि भारत में भी कुछ जजों, पत्रकारों और विपक्षी नेताओं के फोन्स की जासूसी हो रही थी।