Tuesday, November 19, 2024

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Media Hypocrisy

‘न्यूट्रल पत्रकार’ राजदीप ने कॉन्ग्रेस के कार्यक्रम में अपनी पुस्तक को किया प्रमोट, दिया महाराष्ट्र पर लेक्चर

राजदीप सरदेसाई कॉन्ग्रेस परिवार के प्रति वफ़ादार रहे हैं। इस साल फरवरी में, उन्होंने इंडिया टुडे टीवी में अपने एक शो के दौरान वाड्रा को बेगुनाह साबित करने पर तुले नज़र आए। उन्होंने अपने कार्यक्रम में यह दावा किया था कि......

‘पगला गए हो क्या?’ दि प्रिंट के शिवम विज ने पहले फ़र्ज़ी बयान छापा, पकड़े जाने पर की बेहूदगी

दरअसल द प्रिंट और शिवम विज का सोचना यह है कि एक दशक पुरानी बात, जब समय और परिस्थितियाँ अलग थीं, उस समय की घटनाओं और परिस्थितियों का हवाला देते हुए आज के समय में वो अपने प्रोपेगेंडा को फैलाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।

डरा हुआ है मोहम्मद आरिफ का परिवार: ‘The Quint’ पहुँचा डॉ रेड्डी के गुनहगारों की गरीबी दिखाने

जहाँ पूरा देश डॉक्टर रेड्डी के साथ हुई जघन्यता के लिए इंसाफ की माँग कर रहा है, 'द क्विंट' इस बात को लेकर चिंतित है कि अब मुख्य आरोपित मोहम्मद आरिफ के जेल जाने के बाद मुख्य अभियुक्त आरिफ के परिवार का गुजारा कैसे होगा? पूरी रिपोर्ट में उसे 'बेचारा' साबित करने की कोशिश की गई है।

आप पत्रकार नहीं, दलाल हैं… वह सवाल जिसका जवाब सुन बरखा दत्त बगले झाँकने लगी

"या तो आप पत्रकार होते हैं और घटना की रिपोर्ट कर रहे होते हैं या आप दलाल होते हैं, चाहे आप किस भी तरह से अपने काम को महिमामंडित करें।"

रवीश जी, रेप में ‘जात’ तो दिख गया आपको, पर मजहबी ‘रेप जिहाद’ पर भी आँख खोलिए

हैदराबाद वाला मामला मजहबी नहीं लगता लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मजहबी बलात्कार होते ही नहीं! रवीश जैसों की कोशिश यह है कि इस घटना का इस्तेमाल कर उन तमाम 'रेप जिहाद' की खबरों को चर्चा से गायब कर दिया जाए जहाँ बलात्कारी का मकसद मजहबी घृणा ही है, और कुछ नहीं।

भाँड़ में जाएँ ब्राह्मण: मराठी पत्रकार निखिल वागले की घृणित जातिवादी सोच आई बाहर

शिवसैनिकों ने उनके स्टूडियो में घुस कर उनकी पिटाई की थी। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने निखिल वागले के चेहरे पर स्याही पोत दी थी। उस पिटाई के बाद वागले अक्सर शिवसेना की आलोचना करते मिलते थे। बाल ठाकरे ने वागले की पटाई करने वाले शिवसैनिकों की सराहना की थी।

CM योगी पर अभद्र टिप्पणी करने वाले प्रशांत कनौजिया के खिलाफ़ चार्जशीट तैयार

इससे पहले फेसबुक और ट्विटर पर आपत्तिजनक पोस्ट शेयर करने के आरोप में लखनऊ पुलिस ने 8 जून 2019 को स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत जगदीश कनौजिया को उसके आवास से गिरफ्तार किया था।

26/11 के 11 साल: बरखा दत्त और उनके गैंग के कारण जब ख़तरे में पड़ गई सैकड़ों जिंदगी

बरखा दत्त ने एक इंटरव्यू में कबूल किया था कि मुंबई हमले के दौरान टीवी चैनलों और उनके पत्रकारों ने जिस तरह की रिपोर्टिंग की उससे सैकड़ों लोगों की जान ख़तरे में आ गई थी। यहॉं तक कि सुरक्षा बलों के जवानों की जान भी ख़तरे में पड़ गई थी।

अजित पवार को जाँच एजेंसियों ने दी क्लीन चिट: मीडिया व कॉन्ग्रेस के दुष्प्रचार का Fact Check

आजतक और न्यू इंडियन एक्सप्रेस जैसे मुख्यधारा के मीडिया संस्थानों का अलावा नेशनल हेराल्ड जैसे प्रोपेगंडा पोर्टल्स तक, सबने झूठ फैलाया। पत्रकार राजदीप सरदेसाई और कॉन्ग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला भी नहीं चूके।

मुस्लिम छात्रों के बीच झड़प को मीडिया ने दिया सांप्रदायिक रंग, ‘कश्मीरियों पर हमले’ के रूप में किया प्रचारित

बिहार और कश्मीर के मुस्लिम छात्रों के बीच झगड़ा हुआ। वायर का दावा है कि कश्मीरी छात्रों को आतंकी कहा गया। लेकिन, एफएआईआर में इसका कोई जिक्र नहीं है। पुलिस ने भी इस दावे को झूठा करार दिया है।

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