पत्रकार अहमद खबीर ने झूठा दावा किया था कि तेलंगाना में हिंदुओं ने तीन मुस्लिमों को पीटा और शराब पीने के मजबूर किया। खुद को महिला बता कर और लड़कियों की तस्वीरें ट्वीट कर के बढ़ाए थे फॉलोवर्स।
"मैं इस मंच से कहना चाहती हूँ कि हाँ बहुत दवाब है। यह दवाब राजनीतिक दलों से लेकर व्यापार घरानों और विदेशी सरकारों तक सबके द्वारा बनाया जाता है। यह दवाब नया नहीं है।"
नोबेल शांति पुरुष्कार मिलने की संभावना न होने के बाद भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम बनाने के लिए तरह-तरह के हथकण्डे अपनाए जाते हैं। अब जुबैर को "नोबेल शांति पुरस्कार के नामांकित व्यक्ति" के रूप में जाना जाता है।