अवैध असलाह बनाने का सारा सामान हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर और किठौर से ख़रीदा जाता था। असलाह तैयार होने के बाद हापुड़, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, अमरोहा, गजरौला, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, मेरठ, सहारनपुर आदि जिलों में सप्लाई की जाती थी।
"सलाउद्दीन कुरैशी और आशिक इलाही पक्ष में बच्चों के विवाद से तनातनी हुई थी। हालाँकि, उस समय समझौता हो गया था, लेकिन रात 10 बजे पूर्व सांसद के भाई राशिद अखलाक, बेटा साकिब, भतीजा यासीर, सलाउद्दीन और नौशाद ने आशिक की दुकान पर जाकर मारपीट की और तोड़फोड़ करने लगे।
सिखोड़ा से दो भैंसों की चोरी के मामले में अकरम भाटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। उस पर पहले भी लोगों के पैसे नहीं लौटाने के आरोप लगते रहे हैं। बवाल के बाद अकरम और और उसके बाप असलम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
मेरठ में शांति मार्च की आड़ में जो बवाल हुआ था, हाजी सईद उसका भी सह-अभियुक्त है। हाजी सईद और बदर अली ने मिलकर शांति मार्च के बहाने बवाल कराया था। कुल मिलाकर हाजी सईद पर सदर बाजार थाने में 5, कोतवाली में 1, रेलवे रोड में 2 और देहली गेट थाने में 1 मुकदमा दर्ज।
सड़क पर नमाज़ अता करने से यातायात तो बाधित होता ही है, साथ में पैदल आने-जाने वाले लोगों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इन सब को ध्यान में रखते हुए एसएसपी अजय साहनी ने उलेमाओं से मिलकर सड़क पर नमाज़ अता न करने का आग्रह किया था।
2 महीने पहले पति ने अपनी बीवी से मारपीट की और उसे घर से निकाल दिया। फिर 7 जुलाई को उसने तीन तलाक भी दे दिया। ठीक 14 दिन के बाद अचानक से ससुराल पहुँच बीवी को अपनाने की बात कही लेकिन अपने छोटे भाई के साथ हलाला करवाने के बाद!
दूसरे समुदाय के युवक दलित युवक से इसलिए नाराज थे क्योंकि वो मंदिर में लाउडस्पीकर पर भजन चला रहा था। इसके बाद गाँव में दोनों मजहबों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई जिसमें दोनों पक्षों के बीच लाठी-डंडे चलने लगे और पथराव भी हुआ।
पुलिस ने बताया कि 21 फ़रवरी 2018 को जामा मस्जिद इलाक़े में मोहम्मद इक़बाल ने अपने दो साथियों नौशाद और रिज़वान के साथ मिलकर मक्की नाम के शख़्स पर गोली चलाई थी। हालाँकि मक्की इस हमले में अपनी जान बचाने में क़ामयाब रहा।
इस घटना को देखने के बाद गाँव में पुलिस तैनात कर दी गई है। खबर के अनुसार सीओ आलोक कुमार सिंह व थाना प्रभारी प्रेमचंद सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर मौजूद हैं।