सीबीआई की टीम सुशांत के फ्लैट पर क्राइम सीन को दोबारा रीक्रिएट कर रही है। ताकि घटनास्थल की जाँच व तमाम जानकारी कंफर्म हो सके और हत्या और आत्महत्या दोनों पहलुओं पर जाँच की जा सके। फ्लैट पर बेडरूम में डमी टेस्ट भी किया गया।
पीठ ने महाराष्ट्र सरकार और श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट प्रबंधन समिति को याचिका के जवाब में इस साल 18 सितंबर तक एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। अक्टूबर महीने में मामले की फिर से सुनवाई होगी।
कोर्ट ने कहा कि सभी बातों से ये मालूम होता है कि मुंबई पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 174 के तहत जो जाँच की, वह निश्चित कारण के लिए बहुत सीमित थी। इस केस को अपराध की धारा 157 के तहत नहीं जाँचा गया।