Friday, April 19, 2024
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‘तुम चुप हो जाओ, वरना तुम्हें भी इंजेक्शन देकर सुला देंगे’: महेश भट्ट ने मुझे भी धमकाया था, मेरी बेटी जैसा ही सुशांत का केस

राबिया का कहना है कि सुशांत और जिया के मामले में कई समानताएँ हैं। उनके मुताबिक, जिया के केस में जैसे उनकी मौत को आत्महत्या बताया गया। वैसे ही सुशांत के केस में भी हुआ।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद अब बॉलीवुड नेक्सस पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसी बहस को आगे बढ़ाते हुए जिया खान की माँ राबिया खान ने सुशांत मामले में सीबीआई जाँच का समर्थन किया है। साथ ही महेश भट्ट को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि जिया के अंतिम संस्कार के समय में महेश भट्ट ने उन्हें धमकाने की कोशिश की थी।

इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में राबिया खान ने बताया जिया के अंतिम संस्कार पर भट्ट ने उनको कहा कि उनकी बेटी (जिया) डिप्रेशन में थी। उन्होंने इसका खंडन किया। लेकिन भट्ट ने उनसे कहा, “तुम चुप हो जाओ वरना तुम्हें भी इंजेक्शन देकर सुला देंगे।”

बता दें जिया खान की मौत 3 जून 2013 को हुई थी। उनकी मौत के बाद साल 2016 में बॉम्बे कोर्ट में सुनवाई के दौरान उनकी मौत को आत्महत्या करार कर दिया गया था। हालाँकि राबिया खान इसे हमेशा हत्या बताती रहीं और सूरज पंचोली पर इल्जाम मढ़ती रहीं। साल 2018 में इसके बाद मुंबई की एक अदालत में सूरज पर आत्महत्या का आरोप लगा। ये मामला आज भी सुलझा नहीं है।

अपने हालिया साक्षात्कार में राबिया खान ने महेश भट्ट की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उनकी निंदा की है और बताया है कि जिया ने भट्ट के लिए 16 साल की उम्र में काम करना शुरू किया था और तब भी भट्ट ने उनसे जिया को अकेले छोड़ने को कह दिया था।

अपने इंटरव्यू में उन्होंने जिया के ब्वॉयफ्रेंड सूरज पंचोली को मतलबी बताया और ये भी कहा कि उसने जिया को वैलेंटाइन डे पर मारा भी था। जिसे जानने के बाद उन्होंने जिया को भारत लौटने से मना किया। पर सूरज ने बरगला कर उसे वापस मुंबई बुला लिया।

राबिया कहती हैं कि उन्होंने जिया की मौत के बाद उसे इंसाफ दिलाने के लिए बहुत प्रयास किए। वे लंदन से हर महीने आती थीं। लेकिन सूरज कोर्ट में टाइम से नहीं जाता था और जब उससे सवाल पूछा जाता था तो वह ऐसे बर्ताव करता था जैसे कुछ हुआ ही नहीं। साक्षात्कार में उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि भगवान जिया को न्याय जरूर दिलाएँगे, उन्हें पूरा यकीन है।

उनका कहना है कि सुशांत और जिया के मामले में कई समानताएँ हैं। उनके मुताबिक, जिया के केस में जैसे उनकी मौत को आत्महत्या बताया गया। वैसे ही सुशांत के केस में भी हुआ।

राबिया खान ने सुशांत मामले में सीबीआई जाँच को लेकर अपना पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने सीबीआई जाँच की माँग करते हुए कहा कि पुलिस पर राजनीतिक दबाव के कारण सच सामने नहीं आ पाएगा।

सोशल मीड‍िया पर शेयर पोस्ट में जिया की माँ ने लिखा, “सुंशात को जिया की तरह मरता देखने के बाद मुझे इससे ज्यादा मजबूर, बेबस और उदास कभी महसूस नहीं हुआ। दोनों सुशांत और जिया को पहले झूठा अटेंशन और प्यार दिया गया। जब दोनों उनके नार्स‍िस्टि साइकोपैथ‍िक गैस लाइट‍िंग पार्टनर्स के जाल में फँस गए तो उन्हें शारीरिक तौर पर नुकसान पहुँचाया गया और उन्हें गाली दी गई।”

उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों कलाकारों का साथ पैसों के लिए इस्तेमाल किया गया और उन्हें पर‍िवार-चाहने वालों से दूर कर दिया गया। जिया और सुशांत दोनों को मानस‍िक तौर पर डिसेबल करार दिया गया और उन्हें काम ना होने की वजह से डिप्रेस्ड कहा गया। जब पार्टनर्स अपना कंट्रोल खोते गए तो उनके होमिसाइडल डेथ को सुसाइड कहा गया।

उन्होंंने आगे पोस्ट में लिखा कि जिया खान और सुशांत के नार्स‍िस्ट‍िक क्रिमिनल पार्टनर्स ताकतवर बॉलीवुड माफ‍ियाओं और नेताओं से जुड़े हुए हैं, इसल‍िए उन्होंने इनका सपोर्ट ले रखा है, क्योंकि उन्हें पता है कि ये बॉलीवुड माफ‍िया और नेता के पास क्रिमिनल्स के बिहेवियर को जानने की ताकत है।

वे लिखती हैं कि मुंबई पुलिस राजनीतिक दबाव के कारण सबके सामने सच नहीं ले पा रही और उन्होंने बस अपना समय सबूत मिटाने व इस केस को होमिसाइडल डेथ करार देने में बिताया।

आगे राबिया खुले तौर पर बॉलीवुड माफिया से जुड़े लोगों को सजा दिलाने की बात कहती हैं। वे बताती हैं कि सीबीआई को इन मामलों में तह तक जाकर अपराधियों को सजा दिलवानी चाहिए। वरना ये लोग हैवान बन जाएँगे और मासूमों को मारते रहेंगे।

राबिया खान ने टाइम्स नाऊ को दिए अपने इंटरव्यू में भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि नेता पुलिस पर दबाव डालते हैं कि इस मामले की जाँच मत करना और पुलिस ऐसा ही करती है। देश में रोज़ लोगों के मर्डर होते हैं। क्या ये नेता हर मर्डर के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं? तब कोई नेता आवाज़ नहीं उठाता।

वे पूछती हैं, “अब क्यों नेता इस केस में इन्वॉल्व हो गए हैं, क्योंकि उनके अपने लोग इसमें फँस रहे हैं। ज़िया और सुशांत के केस में इसलिए नेता शामिल हुए क्योंकि उनके अपने लोग फँस रहे। वे उन्हें बचाना चाहते हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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