Sunday, November 17, 2024

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Muslim Appeasement

कानून से खेलो, हिंदुत्व की कब्र खोदो… क्योंकि वे जब आएँगे सारे गुनाह दफन हो जाएँगे

वक्त है चेत जाने का। खुद की आवाज बनने का। गिरोह घात लगाए बैठा है। उसे नहीं कुचला तो वह गजवा-ए-हिंद के ख्वाब बुनने वालों के पीठ पर हाथ फेरेगा और आपको भगवा आतंकवादी घोषित कर देगा।

कॉन्ग्रेस व विपक्ष की दंगाइयों, घुसपैठियों के साथ खड़े होने की क्या मजबूरी है?

पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र डाउन ने वहाँ की नेशनल असेम्बली द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर छापा कि प्रति वर्ष 5000 हिन्दू अपनी जान बचाने के लिए भारत में जाकर शरण ले रहे हैं। तो फिर ऐसी क्या वजह है कि झूठी कपोल-कल्पित तस्वीर दिखाकर समुदाय विशेष के लोगों को भड़काने की राजनीति कॉन्ग्रेस और विपक्ष कर रही?

कसाब और याकूब मेमन को जो फाँसी से बचाना चाहता था, वो IAS बनेगा मुस्लिम, CAB से हुआ नाराज

"अगर नागरिकता संशोधन विधेयक पास होता है तो यह मेरा सविनय अवज्ञा होगा कि मैं खुद को आधिकारिक रूप से मुस्लिम पंजीकृत करवा लूँगा और फिर एनआरसी को कोई भी दस्तावेज नहीं दूँगा। अपने लिए किसी अज्ञात जगह पर नजरबंद किए जाने से लेकर नागरिकता वापस लेने जैसी सजा की भी माँग करूँगा।"

पीरियड आते ही मुस्लिम लड़कियों की शादी जायज: कब बदलेगा कट्टरपंथियों का कानून

सांप्रदायिकता की लकीर खींचने के लिए अंग्रेज मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एप्लिकेशन एक्ट लेकर आए। आजादी के बाद कॉन्ग्रेस की तुष्टिकरण नीति की वजह से बाल विवाह के कानून बदले, लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ को छुआ भी नहीं गया।

दॉंव पड़ा उलटा तो गिड़गिड़ाने लगा जोमैटो, कहा-हिन्दू डिलीवरी ब्वॉय भेजेंगे

स्क्रीनशॉट में जोमैटो का कस्टमर केयर ग्राहक से बार-बार माफी मॉंगता नजर आ रहा है। इस स्क्रीनशॉट की सत्यता की पुष्टि के लिए हमने जोमैटो के कार्यालय से कई बार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

Zomato वालो, हलाल के समय ‘Food has no Religion’ कहाँ गया?

Zomato के तथाकथित मूल्य कितने खोखले हैं, इसकी नज़ीर यह है कि जब एक 'शांतिप्रिय' ने गैर-हलाल खाने के लिए शिकायत की, तो Zomato उसके चरणों में गिर गया। उस समय उसके 'मूल्य' हवा हो गए।

पश्चिम बंगाल: हनुमान चालीसा पढ़ रहे लोगों को पुलिस ने पीटा, राम के बाद हनुमान पर भी नजर टेढ़ी

सड़क पर नमाज से न केवल आम लोगों को परेशानी होती है, बल्कि यह प्रशासन के लिए भी बड़ा सिरदर्द है। इसका हवाला देते हुए भाजयुमो का कहना है कि जब दूसरे समुदाय वाले हर शुक्रवार को नमाज के नाम पर सड़क बंद कर सकते हैं और प्रशासन उन्हें नहीं रोकता तो हम हनुमान चालीसा का पाठ सड़क पर क्यों नहीं कर सकते।

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