नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में कहीं भी इस बात का बिल्कुल ही जिक्र नहीं है कि अंग्रेजी को एकदम हटाया जाए। इस नीति में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जो भी विदेशी भाषा है, उसको विदेशी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर कॉन्क्लेव' में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उद्घाटन भाषण देते हुए अपने विचार रखे।
तीन दशकों में पूरी दुनिया के सोचने, समझने और शिक्षा को बेहतर तरीके से पहुँचाने का तरीका बदल जाता है, लेकिन भारत उसी वामपंथी नीति पर अटका था, जो कि इसकी जड़ों को दीमक की तरह खोखला करता रहा।
नई शिक्षा नीति पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि इस नीति गुणवत्ता, पहुँच, जवाबदेही, सामर्थ्य और समानता के आधार पर एक समूह प्रक्रिया के अंतर्गत बनाया गया है।
आमतौर पर समितियों की सिफारिश (अभी वाली नेशनल एजुकेशन पालिसी ड्राफ्ट भी) करीब पाँच सौ पन्ने का मोटा सा बंडल होता है जिसे कौन पढ़ता है, या नहीं पढ़ता, हमें मालूम नहीं। ऐसी सभी सिफारिशों से मेरी एक और आपत्ति ये भी होती है कि ये किस आधार पर बनी है ये पता नहीं होता।