5 जिलों के अलावा 7 शहरों में भी 22 मार्च की सुबह 7 बजे से लेकर 29 मार्च के रात 9 बजे तक लॉकडाउन की घोषणा की गई है। कोरोना वायरस के ओडिशा में अब तक 2 मामले आ चुके हैं लेकिन महाराष्ट्र व केरल जैसे राज्यों में स्थिति भयावह है।
सरकार ने बच्चों को गुमराह करने की यह ‘कोशिश जानबूझकर’ की है। उन्होंने कहा, ‘‘चालाकी से असत्य बताया गया है। मुख्यमंत्री को इस बड़ी भूल के लिए माफी माँगनी चाहिए।’’
एसजेटीए ने इन मठों को जगन्नाथ मंदिर की संपत्ति बता कर ढाहना शुरू कर दिया। सरकार का कहना है कि इन मठों के बिल्डिंग सुरक्षित नहीं हैं और इसीलिए इन्हें हटाना ज़रूरी है। लांगुली मठ 300 वर्ष पुराना था। इसे रैपिड एक्शन फाॅर्स और पुलिस की मौजूदगी में ढाह दिया गया। 900 वर्ष पूर्व निर्मित एमार मठ को भी नहीं बख्शा गया।
मरांडी के इन बयानों के बाद ओडिशा की जनता ने उनका जमकर विरोध किया है। हरिबलदेव मंदिर के पुजारी अरुण मिश्रा और कामेश्वर त्रिपाठी ने कहा है कि उन्हें इसकी सजा भगवान जगन्नाथ देंगे।
मेहर ने कहा, “मुझे इस घटना के लिए खेद है, लेकिन मुझे जन आक्रोश के मद्देनजर इंजीनियर को उठक-बैठक करने के लिए कहने को मजबूर होना पड़ा। लोग सड़क निर्माण की गुणवत्ता खराब होने को लेकर नाराज थे। अगर मैंने उन्हें उठक-बैठक करने के लिए नहीं कहा होता, तो वे लोग इंजीनियर को नुकसान पहुँचा सकते थे।”