Saturday, July 27, 2024
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बीजद के निष्कासित विधायक को अधिकारियों ने घर से उठाया, पत्नी ने कहा- अगर मेरे पति को कुछ हुआ तो CM जिम्मेदार

“बिना किसी नोटिस या वारंट के उन्होंने मेरे पति को उठा लिया। क्या मेरा पति एक नक्सली या आतंकवादी हैं जिनसे अधिकारियों द्वारा गलत व्यवहार किया गया है। अगर सरकार ने नक्सलियों के मामले में ऐसी ही सख्ती दिखाई होती तो समस्या अब तक नहीं होती।"

ओडिशा के गोपालपुर क्षेत्र के विधायक व बीजेडी से निष्कासित नेता प्रदीप पाणिग्रही को क्राइम ब्रांच की इकोनोमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने आज उनके घर से उठा लिया है। पाणिग्रही की पत्नी सुजाता ने यह जानकारी देते हुए कहा कि गुरुवार (दिसंबर 3, 2020) को उनके पति को 4 लोग SUV में लेकर गए हैं, जिन्होंने खुद को क्राइम ब्रांच EOW से बताया।

ओटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सुजाता पाणिग्रही ने कहा, “बिना किसी नोटिस या वारंट के उन्होंने मेरे पति को उठा लिया। क्या मेरा पति एक नक्सली या आतंकवादी हैं जिनसे अधिकारियों द्वारा गलत व्यवहार किया गया है। अगर सरकार ने नक्सलियों के मामले में ऐसी ही सख्ती दिखाई होती तो समस्या अब तक नहीं होती।”

सुजाता का कहना है कि उनके पति को निशाना बनाकर जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर क्राइम ब्रांच से आए लोगों को इस तरह उनके पति को एक अनजान जगह ले जाने की क्या जरूरत थी। उनका कहना है, “मुझे अपने पति की लोकेशन के बारे में नहीं पता चल पा रहा है। अगर मेरे पति को कुछ भी हुआ तो मुख्यमंत्री इसके लिए जिम्मेदार होंगे।”

संबाद इंग्लिश के अनुसार सुजाता कहती हैं, “सरकार का दावा है कि मेरे पति के बैंक खाते में 2.5 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। मुझे यह मंजूर है। हम उस पर स्पष्टीकरण देने के लिए तैयार हैं। अपना पक्ष रखने का कोई अवसर दिए बिना, सरकार ने हम पर अनुचित दबाव डाला।”

गौरतलब है कि दागी आईएफएस अधिकारी अभय कांत पाठक के साथ कथित संबंधों के लिए निष्कासित, प्रदीप ने अपने निष्कासन के बाद बीजेडी सरकार की भ्रष्टचार से जुड़ी पोल पट्टी खोलने की धमकियाँ मीडिया इंटरव्यू में कई बार दी थीं। उन्होंने दावा किया था कि राज्य सरकार मिड-डे मील प्रोग्राम के दाल वितरण में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार कर रही है।

बता दें कि इससे पहले भ्रष्टाचार पर कवरेज करने को लेकर ओडिशा के स्थानीय चैनल ओटीवी पर भी इस तरह की कार्रवाई हो चुकी हैं। पिछले दिनों ऐसे मामले आए जब चैनल के अधिकारियों ने अमित शाह से मदद माँगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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