राम कृष्ण के बाद अब राकेश कृष्णन्न सिम्हा ने इंडिया टुडे की कार्यसंस्कृति की पोल खोली है। उनका दावा है कि संस्थान का सच्चाई से कोई लेनादेना नही है। उसे केवल नकदी चाहिए।
इंडिया टुडे ने अब वह स्कूल और हेडमास्टर खोज निकाला है जहॉं कभी रिया चकवर्ती ने पढ़ाई की थी। इसके जरिए भी इंटरव्यू की तरह ही इमेज गढ़ने की कोशिश की गई है।
राजदीप को ना ही रिया चक्रवर्ती से और ना ही सुशांत सिंह राजपूत से ही संवेदना है। वह बस TRP की रेस में किसी तरह खुद को खबरों में बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं।
रिया ने दावा किया था कि सुशांत को क्लस्ट्रोफोबिया था और डॉ. हरीश शेट्टी ने इसके लिए उन्हें एक दवा दी थी। डॉ. शेट्टी से जुड़े सूत्रों ने इसे गलत बताया है।