फ़िलहाल, लालू यादव जेल में ही रहेंगे क्योंकि इसी चारा घोटाला में उन्हें दुमका और चाईबासा कोषागार मामले में ज़मानत नहीं मिली है। हालाँकि, लालू यादव के वकील ने कहा है कि वो इन दोनों मामलों में भी ज़मानत याचिका दायर करेंगे।
“मैं और झारखंड के राष्ट्रीय जनता दल के 90 फीसदी कार्यकर्ता व नेता लालू प्रसाद यादव से नाराज हैं। अब राष्ट्रीय जनता दल में लोकतंत्र नहीं बचा है, लिहाजा हमने नई पार्टी बनाई है और अब हम खुद झारखंड के लोगों की सेवा करेंगे।”
विपक्ष को आम जनता की आवाज़ बनने की ज़रूरत थी, मगर उनकी आवाज़ को बुलंद कर सरकार तक पहुँचाने की बजाए ऐसे संवेदनशील मामले पर चुप्पी साध लेना, नेता प्रतिपक्ष का इस तरह अज्ञातवास पर चले जाना, विपक्ष की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
राजद ने बंगाल में पिटे डॉक्टरों की जाति गिना कर डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल को 'महज एक-दो सर्वणों की पिटाई' पर हुआ बवाल बताया है। यह नया नहीं है। यह संवेदनशील मुद्दों को जातिगत मोड़ देकर राजनीतिक मलाई चाभने की लालू की ही पुरानी नीति है।
राजद विधायक के होटल के सामने चल रहे उसके खोमचे पर से अंकित और उसके दोस्तों ने खाने-पीने का कुछ सामान मँगाया था। खाना विधायक-पुत्र को न पसंद आने पर विवाद हुआ जिसके बाद विधायक के बेटे और उसके दोस्तों ने बेरहमी से पीट-पीट कर बेहोश कर दिया।
मणिपुर गए बिहार के विधायकों की लड़की संग डांस करने वाली वीडियो सामने आई है। विधायकों की इस हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लेकिन जाँच पड़ताल से पता चला कि यह वीडियो फेक है।
बिहार की सियासत गज़ब के मोड़ पर है, एक तरफ जहाँ आरजेडी नीतीश को एक बार फिर से महागठबंधन में लेने को बेताब है क्योंकि वह नरेंद्र मोदी सरकार से नीतीश के मन में पैदा हुए असंतोष को भुनाना चाहती है। लोकसभा के परिणामों से आरजेडी जान चुकी है कि नीतीश के कंधे पर सवार होकर शायद पार्टी को एक बार फिर बिहार की सत्ता मिल सकती है।
सोमवार (मई 27, 2019) को मीडिया से बात करते हुए महेश्वर यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि राजद परिवारवाद के चक्कर में उलझी हुई है। इसी वजह से पार्टी की इतनी दुर्गति हुई।
महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र स्थित इसुआपुर में राजद के विधायक मुंद्रिका राय और भाजपा नेता प्रमोद कुमार सिंह के बीच राजनीतिक चर्चा को लेकर विवाद हो गया। ये विवाद इतना बढ़ गया कि हिंसा का रूप ले लिया। इसी बीच गोलीबारी में भाजपा नेता को गोली लग गई।
रघुवंश ने कहा कि जब मनरेगा को लागू किया गया था तब वह यूपीए सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री थे। उनके मुताबिक अगर वह दोबारा से सत्ता में आए तो इस योजना का विस्तार किया जाएगा।