"अटल बिहारी वाजपेयी जब कोई फ़ैसला लेते थे, तो वे इस बात का ध्यान रखते थे कि उस फ़ैसले से किसी को कोई समस्या न हो, यानी कोई उनके फ़ैसले से नाराज़ न हो। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी की बात करें तो वो किसी भी फ़ैसले के क्रियान्वयन के मामले में प्रभावी और कठोर हैं।"
मुंबई में हमलों के तुरंत बाद शरद पवार दूरदर्शन स्टूडियो पहुँचे और घोषणा की कि कुल 13 विस्फोट हुए। उन्होंने जिस विस्फोट का अविष्कार किया उसके बारे में उन्होंने बताया कि वो एक मस्जिद में हुआ था। श्रीकृष्ण आयोग के सामने गवाही देते हुए, पवार ने LTTE पर बम विस्फोट का आरोप मढ़ने कोशिश की।
नमिता मुंदड़ा को एनसीपी ने बीड के कैज विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था। लेकिन, उन्होंने लोकसभा सांसद प्रीतम मुंडे और राज्य मंत्री पंकजा मुंडे की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएँगे और मतगणना 24 तारीख को होगी।
महाराष्ट्र के पूर्व उप-मुख़्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने अंतःकरण की आवाज़ सुन कर इस्तीफा दिया है क्योंकि उनके चाचा शरद पवार का नाम इस घोटाले में घसीटा जा रहा है। 25,000 करोड़ रुपए के घोटाले में ईडी ने शरद और अजित के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।
बताया जाता है कि शरद पवार बेटी सुप्रिया सुले को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं। सालों से पार्टी में निर्णायक भूमिका में रहे भतीजे अजित ने उन्हें बताए बिना विधायकी छोड़ दी है। एनसीपी नेताओं के अनुसार जिस तरीके से पार्टी चलाई जा रही है उससे अजित नाखुश हैं।
एनसीपी का कार्यालय भी बलार्ड पियर में ही है, जहाँ पर ईडी का कार्यालय है। इसको लेकर काफी संभावना है कि पवार के आने पर अधिक संख्या में एनसीपी के समर्थक जुटेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसी को देखते हुए मुंबई के सात पुलिस थानों में धारा 144 लगा कर...
ईडी के अनुसार, यह लोन धोखाधड़ी का बहुत बड़ा मामला है। कार्रवाई बॉम्बे हाई कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप की जा रही है। आरोप है कि शुगर फैक्ट्रीज को स्टेट कोऑपरेटिव बैंक द्वारा तय किए गए मूल्य से कम दाम में बेच दिया गया।
मुंबई में जब 12 सिलसिलेवार धमाके हुए और सैकड़ों निर्दोष मारे गए तो पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। सूद ने दावा किया कि पवार ने 12 की बजाए एक मस्जिद सहित 13 जगह धमाके होने की बात कह लोगों की आँखों में धूल झोंका। शायद वे पाकिस्तान और दाऊद इब्राहिम से देश का ध्यान भटकाना चाहते थे।
पवार ने कहा कि इस साल के फ़रवरी में हुआ पुलवामा हमला कहीं गुप्त रूप से योजनाबद्ध तो नहीं था। उन्होंने कहा, “मैंने रक्षा में काम किया है। मैंने उस समय कुछ अधिकारियों से बात की और संदेह जताया कि हमला जानबूझकर किया गया था या इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ था।”
कई नेताओं ने पवार का साथ छोड़ दिया है। इनमें से अधिकतर नेता भाजपा का दामन थाम रहे हैं। कई शिवसेना में भी गए हैं। ऐसे में, पवार की ढलती उम्र और गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए एनसीपी अस्तित्व के संकट से जूझ रही है।