Thursday, March 28, 2024
Homeराजनीति'वाजपेयी नहीं करते थे किसी को नाराज़... जबकि फ़ैसले को कठोरता से लागू करने...

‘वाजपेयी नहीं करते थे किसी को नाराज़… जबकि फ़ैसले को कठोरता से लागू करने की क्षमता है मोदी के पास’

"वाजपेयी एक भद्र पुरूष थे, जबकि किसी कार्यक्रम के क्रियान्वयन के मामले मेंं मोदी एक प्रभावी व्यक्ति हैं। कोई फ़ैसला ले लेने के बाद उसे कठोरता से लागू करने की मोदी के पास क्षमता है।"

महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है, ऐसे में सियासी घमासान तेज़ होना लाज़मी है। इस दौरान बयानबाज़ी का दौर भी अपने चरम पर है। ऐसे में राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने भी कुछ ऐसा कह डाला, जो शायद उनकी खुद की पार्टी के लिए उल्टा पड़ जाए। दरअसल, उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की। और ऐसा करते हुए उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जब कोई फ़ैसला लेते थे, तो वे इस बात का ध्यान रखते थे कि उस फ़ैसले से किसी को कोई समस्या न हो, यानी कोई उनके फ़ैसले से नाराज़ न हो। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी की बात करें तो वो किसी भी फ़ैसले के क्रियान्वयन के मामले में प्रभावी और कठोर हैं।

2017 में, पीएम मोदी के प्रथम कार्यकाल के दौरान पद्म विभूषण पुरस्कार पाने वाले शरद पवार ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, “वाजपेयी एक भद्र पुरूष थे, जबकि किसी कार्यक्रम के क्रियान्वयन के मामले मेंं मोदी एक प्रभावी व्यक्ति हैं। कोई फ़ैसला ले लेने के बाद उसे कठोरता से लागू करने की मोदी के पास क्षमता है।” उन्होंने कहा कि भाजपा के दिग्गज़ नेता स्वर्गीय वाजपेयी के प्रति लोगों के बीच काफ़ी सम्मान था। बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री के पद पर थे, उस दौरान उन्होंने पवार को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का उपाध्यक्ष नियुक्त किया था।

इसके अलावा, पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने राज्य में किसानों और उद्योगों की समस्याओं को हल करने के लिए कोई पहल नहीं की। उन्होंने कहा कि फडणवीस नतीजे देने वाले और प्रभावी मुख्यमंत्री नहीं माने जाते हैं।

पिछले कुछ समय में कुछ पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने NCP को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया, इस सवाल पर पवार ने कहा कि इससे उनकी पार्टी को युवा चेहरों को चुनावी मैदान में उतारने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि NCP इन दल-बदलू नेताओं को हराने के लिए अपनी पूरी ताक़त लगा देगी। इस दौरान उन्होंने उस धारणा को भी ख़ारिज कर दिया कि कॉन्ग्रेस की छवि धूमिल हो गई है। उन्होंने संकेत दिया कि राज़्य में दोनों पार्टियाँ मिलकर लड़ेंगी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

RSS से जुड़ी सेवा भारती ने कश्मीर में स्थापित किए 1250 स्कूल, देशभक्ति और कश्मीरियत का पढ़ा रहे पाठ: न कोई ड्रॉपआउट, न कोई...

इन स्कूलों में कश्मीरी और उर्दू भाषा में पढ़ाई कराई जा रही है। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे आतंकवादियों के सहयोगी बनें या पत्थरबाजों के ग्रुप में शामिल हों।

‘डराना-धमकाना कॉन्ग्रेस की संस्कृति’: 600+ वकीलों की चिट्ठी को PM मोदी का समर्थन, CJI से कहा था – दिन में केस लड़ता है ‘गिरोह’,...

"5 दशक पहले ही उन्होंने 'प्रतिबद्ध न्यायपालिका' की बात की थी - वो बेशर्मी से दूसरों से तो प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन खुद राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe