Saturday, July 27, 2024
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25000 करोड़ रुपए के लोन फ्रॉड में शरद पवार बिना समन पहुँच रहे ED ऑफिस, राजनीतिक स्टंट!

इससे पहले, जब ईडी ने इस मामले में पवार का नाम लिया था, तो एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने मुंबई, बारामती और पुणे में विरोध प्रदर्शन किया था।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार को उनके दफ्तर आने पर रोक लगा दी है। ईडी ने शरद पवार से दफ्तर न आने का अनुरोध किया है और साथ ही कहा है कि जब उन्हें पूछताछ के लिए समन जारी किया जाए तभी वो ईडी दफ्तर पहुँचें। दरअसल, पवार पर महाराष्ट्र राज्य सहकारी (एमएससी) बैंक घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।

हालाँकि ईडी ने अब तक उन्हें पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है, इसके बावजूद पवार शुक्रवार (सितंबर 27, 2019) दोपहर 2 बजे ईडी दफ्तर पहुँचने वाले हैं। इसको लेकर बलार्ड पियर स्थित ईडी दफ्तर के बाहर और मुंबई के सात पुलिस थानों में धारा 144 लगा दी गई है। इधर, जाँच के लिए राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी के कार्यालय में एक पुलिस दल स्निफर डॉग के साथ पहुँचा है।

बता दें कि एनसीपी का कार्यालय भी बलार्ड पियर में ही है, जहाँ पर ईडी का कार्यालय है। इसको लेकर काफी संभावना है कि पवार के आने पर अधिक संख्या में एनसीपी के समर्थक जुटेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। इससे पहले, जब ईडी ने इस मामले में पवार का नाम लिया था, तो एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने मुंबई, बारामती और पुणे में विरोध प्रदर्शन किया था। शुक्रवार को इसी तरह के विरोध प्रदर्शन की आशंका और यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए, ईडी कार्यालय के बाहर धारा 144 के तहत लोगों के समूहों के आंदोलन को प्रतिबंधित करने के आदेश दिए गए हैं।

चुनावी माहौल में अपने खिलाफ लगे आरोपों के बाद पवार ने गुरूवार (सितंबर 25, 2019) को ट्वीट करते हुए कहा था कि वह खुद ईडी दफ्तर जाएँगे। पवार ने कहा था कि वह महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के संबंध में अपने खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जाँच एजेंसी के सामने पेश होंगे।

गौरतलब है कि मामला 25,000 करोड़ रुपए के लोन फ्रॉड से जुड़ा है। जाँच एजेंसी ने कर्ज देने और अन्य प्रक्रिया में कथित अनियमितता की जाँच के लिए पवार, और उनके भतीजे अजित पवार के साथ ही तकरीबन 70 अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। ईडी का मामला मुंबई पुलिस की एफआईआर पर आधारित है, जिसमें बैंक के निदेशकों, राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार और सहकारी बैंक के 70 पूर्व पदाधिकारियों के नाम शामिल हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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