अचानक कुछ मुस्लिम युवक बिना साइलेंसर वाली मोटरसाइकल चलाकर हल्ला करने लगे। रात का समय होने के कारण इलाके में रह रहे हिंदुओं को इससे परेशानी होने लगी। उन्होंने आपत्ति जताई तो विवाद बढ़ गया। देखते ही देखते मुस्लिम समुदाय के लोगों ने...
तेलंगाना के एकमात्र भाजपा विधायक राजा सिंह को गिरफ़्तार कर लिया गया है। वो भैंसा के पीड़ित हिन्दुओं से मिलने के लिए जा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के इशारे पर उन्हें हिन्दू वाहिनी के पीड़ित लोगों से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
एक पूर्व-बैंकर ने बताया कि 'इज्तेमा' के कारण कई बाहरी लोग इस इलाक़े में आए हुए थे। इज्तेमा में हज़ारों-लाखों की संख्या में मुस्लिम जुटते हैं और अपने मजहबी रीति-रिवाज वगैरह को पूरा करते हैं। इस घटना में 11 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 3 पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।
नलगोंडा पुलिस ने हत्या के मामले में जून में 1600 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। इसमें प्रणय की हत्या करने की योजना के पूरे घटनाक्रम को बताया गया था। लेकिन, इस मामले में कोई मुक़दमा शुरू नहीं हुआ।
शाहिद ने आरती को अपने घर पर बुलाया। किसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस हो गई। इसके बाद शाहिद ने युवती का गला काट दिया। बताया जाता है कि दोनों दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में भी रह चुके थे।
आठ दिसंबर को पीड़िता दादी के घर जाने के लिए हशमाबाद रोड पर खड़ी थी। इस दौरान ऑटो रिक्शा चालक आमिर उनके पास आया और दादी के घर तक लिफ़्ट देने की बात कही। लेकिन, दोनों बहनों को लेकर वह वाट्टेपल्ली चला गया और उन्हें बंधक बना लिया।
"अगर अदालती प्रक्रिया से न्याय होता तो इसमें काफी लंबा समय लगता। क्राइम सीन को रिक्रिएट करने के लिए 100% 'ऊपर' से निर्देश हुआ। तेलंगाना राज्य तत्काल कार्रवाई करने में बहुत तेज है। मैं बहुत खुश हूँ।"
हैदराबाद एनकाउंटर को फ़र्ज़ी बताते हुए कोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि चारों आरोपितों के शवों के पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफ़ी कराई जाए। उन वीडियो फुटेज को कोर्ट में सब्मिट किया जाएगा। इसके बाद...
"गीता (बदला हुआ नाम) की साड़ी घुटनों से ऊपर खींची हुई थी, ऊपरी शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था, उनके सिर, गले और हाथों पर गंभीर चोट के निशान थे। उनके पति की हालत खराब है। आत्महत्या करने की सोचता है। अब बच्चों का क्या होगा?"
उत्तरी तेलंगाना में हुए इस घटना के बाद स्थानीय आदिवासी और दलित सड़क पर हैं। परिजनों का कहना है कि अभी तक किसी नेता ने उनकी सुध नहीं ली है। पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।