धमाके के लिए रखे नाइट्रिक और सल्फ्यूरिक एसिड में आतंकियों के सोचे समय पर रिएक्शन नहीं हुआ, जिससे एक बड़ी तबाही टल गई। बीच में रखी कागज़ की परत देर से जली।
पाकिस्तानी सेना, इस्लामी कट्टरवाद और आतंक की दूकान चलने वालों का धंधा अब मंदा पड़ने लगा है। आतंक की इसी बुझती हुई आग को हवा देने की कोशिश थे जम्मू के ये ड्रोन हमले।
भले बीबीसी ने अपनी रिपोर्टिंग में आतंकवादी शब्द का इस्तेमाल न करने का फैसला एक नीति के तौर पर भले ही 2019 में अपनाया हो पर कश्मीरी आतंकवाद के मामले में उसने यह नीति कई वर्षों से अपना रखी है।
मुंबई आतंकी हमले (26/11) में अपनी शहादत देकर आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़वाने वाले बलिदानी तुकाराम ओंबले को जीव वैज्ञानिकों ने विशेष सम्मान दिया है।