आरोपितों ने वर्ष 2010 में कानपुर के मॉल रोड इलाक़े में अलकेमिस्ट इंफ्रा रियलिटी और अलकेमिस्ट इंफ्रा टाउनशिप लिमिटेड के नाम से कम्पनियाँ खोली। उन्होंने निवेशकों को लालच दिया कि उनके द्वारा दी गई रक़म का कई गुना उन्हें वापस मिलेगा।
14 अगस्त को आलम ने महिला को मिलने के लिए बुलाया और अपने तीन साथियों जैदुल इस्लाम, जैनल अबेदिन और अफिदुल हक के साथ मिलकर उसके साथ बलात्कार किया। महिला को मुँह बंद रखने की धमकी भी दी।
तृणमूल सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह दुर्गा पूजा समितियों जैसे स्थानीय संगठनों को भाजपा के लिए काम करने पर मजबूर करना चाहती है, इसीलिए उन्हें दबाने की कोशिश हो रही है।
4 साल में 100 ग्रामीणों को नौकरी का झांसा देकर टीएमसी पार्षद का भाई 1 करोड़ रुपए हथिया चुका था। टीएमसी पार्षद अतनु गिरी ने किया भाई के संपर्क में नहीं होने का दावा।
तृणमूल और सीपीआई के अलावा एनसीपी के राष्ट्रीय दर्जे पर भी तलवार लटक रही है। अगर किसी पार्टी से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिन जाता है तो वह एक ही चुनाव चिह्न पर पूरे देश में चुनाव लड़ने के योग्य नहीं रह जाती है।
नुसरत जहां कोलकाता में आयोजित रथयात्रा में न केवल शामिल हुईं, बल्कि पूजा-अर्चना भी कीं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ रथ भी खींचा। व्यवसायी निखिल जैन से शादी रचाने वाली नुसरत माथे पर सिंदूर, हाथों में चूड़ियाँ और मंगलसूत्र पहनकर लोकसभा पहुँचने के बाद से ही कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं।
टीएमसी विधायक सुनील सिंह ने कहा, “पश्चिम बंगाल की जनता सबका साथ सबका विकास चाहती है। दिल्ली में मोदी जी की सरकार है और हम चाहते हैं कि यही सरकार प्रदेश में भी बने। ताकि हम पश्चिम बंगाल का विकास कर सकें।”
ये भीड़ इतनी जल्दी कैसे आती है, कहाँ हमला करती है और किधर गायब हो जाती है? क्या पुलिस ने नहीं देखा इन्हें? क्या हॉस्पिटल में सुरक्षा के लिए पुलिस आदि नहीं होती या फिर इस पहचानहीन भीड़ का सामूहिक चेहरा ममता की पुलिस ने पहचान लिया और उन्हें वो करने दिया जो वो कर गए?
टीएमसी पार्टी की आपात बैठक में ममता बनर्जी ने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बल ने उनके खिलाफ कार्रवाई की, एक आपात स्थिति पैदा की गई। साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम के बीच भेदभाव किया गया साथ ही वोटों की हेराफेरी हुई। ममता दीदी ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग में शिकायत की, लेकिन कोई भी कदम नहीं उठाया गया।
तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों ने बबलू नामक भाजपा कार्यकर्ता को निशाना बनाया। हमले में बबलू बाल-बाल बच गए। पड़ोसियों के पहुँचने के बाद हमलावर बाइक छोड़ भाग खड़े हुए। भाजपा कार्यकर्ता बबलू का अस्पताल में इलाज चल रहा है। ऐसी कई हिंसक वारदातें हुईं।