उदित ने खुद को मुस्लिम हितैशी साबित करते हुए कुछ आँसू अपनी हथेली पर गिराए और लिखा, "बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान से प्रताड़ित मुस्लिम भारत में नागरिकता नहीं ले सकते। बाकी शेष अन्य धर्म के लोगों के लिए भारतीय नागरिकता का दरवाजा खुला है। इससे दलित समाज भावुक रूप से आहत हुआ।"
पुलिस सूत्रों के अनुसार संजय सिंह और उदित राज से पीएफआई सरगना की लगातार बातचीत होती थी। इसके लिए कॉल, मैसेज और व्हाट्सप्प का इस्तेमाल किया जाता था। मोहम्मद परवेज़ कई भड़काऊ व्हाट्सप्प ग्रुप्स से भी जुड़ा हुआ है, जो दंगा फैलाने का काम करते हैं।
कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी के मीडिया प्रभारी राजीव त्यागी ने उदित राज को लताड़ते हुए कहा कि ब्राह्मण होना पाप नहीं है। उन्होंने उदित राज को चुनौती देते हुए कहा कि वो इस विषय पर किसी के भी साथ बहस करने को तैयार हैं।
इससे पहले ईवीएम को लेकर उदित राज ने सुप्रीम कोर्ट पर ही धाँधली का आरोप लगा दिया था। उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग बिक चुका है। सुप्रीम कोर्ट के अलावा वह राष्ट्रपति पद पर भी टिप्पणी कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि भाजपा हमेशा गूँगे-बहरों को ही राष्ट्रपति बनाती है।
झूठे भ्रामक ट्वीट को लेकर लोगों ने उदित राज को जम कर लताड़ लगाई। कुछ लोगों ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि उदित राज कभी भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रहे थे।