Friday, April 26, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेककॉन्ग्रेस नेता उदित राज ने कोरोना वायरस टेस्ट किट को लेकर फैलाई गलत जानकारी,...

कॉन्ग्रेस नेता उदित राज ने कोरोना वायरस टेस्ट किट को लेकर फैलाई गलत जानकारी, ICMR ने बताया फेक न्यूज

उदित राज का ये झूठा दावा ज्यादा देर तक नहीं टिक सका। ICMR ने स्पष्ट किया कि 4,500 रुपए में कोई कोरोना टेस्ट किट नहीं खरीदी गई है और यदि कोई भारतीय कंपनी कम दर पर किट की आपूर्ति करना चाहती है तो उसका स्वागत है।

कॉन्ग्रेस नेता उदित राज ने रविवार (अप्रैल 26, 2020) को ट्विटर पर दावा किया कि 17 कंपनियाँ 500 रुपए में कोरोना टेस्ट किट बनाकर देने के लिए तैयार थी, लेकिन पीएम मोदी ने इसका ठेका गुजरात की एक कंपनी को दिला दिया, जो इस कोरोना टेस्ट किट को 4500 रुपए में बेच रहा है।

हालाँकि, उदित राज का ये झूठा दावा ज्यादा देर तक नहीं टिक सका। सोमवार (अप्रैल 27, 2020) इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इस खबर को फेक न्यूज करार देते हुए बताया कि ICMR द्वारा PT-PCR के लिए स्वीकृत कीमत 740 से 1150 रुपए है जबकि रैपिड टेस्ट किट के लिए यह 528 से 795 रुपए है।

ICMR ने स्पष्ट किया कि 4,500 रुपए में कोई कोरोना टेस्ट किट नहीं खरीदी गई है और यदि कोई भारतीय कंपनी कम दर पर किट की आपूर्ति करना चाहती है तो उसका स्वागत है।

इससे पहले महीने की शुरुआत में, ICMR ने मीडिया के उन दावों का खंडन किया था, जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार ने चीनी कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 3 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन करने से पहले विशेषज्ञों से परामर्श नहीं किया था। बता दें कि कारवाँ ने अपने लेख में दावा किया था कि आईसीएमआर के टास्क फोर्स में 21 वैज्ञानिक हैं जो मोदी सरकार को कोरोना से निपटने के उपायों पर सलाह देने वाले थे, लेकिन उन्हें नज़रंदाज़ किया जा रहा है। एक अनाम सदस्य के हवाले से ये सूचना दी गई कि पिछले एक सप्ताह में टास्क फोर्स की एक भी बैठक नहीं हुई। साथ ही ये दावा भी किया गया कि पीएम मोदी ने लॉकडाउन बढ़ाने से पहले भी उनकी कोई सलाह नहीं ली।

नीति आयोग के सदस्य और इस टास्क फोर्स के अध्यक्ष विनोद पॉल ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा था, “भारत के वैज्ञानिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ COVID-19 की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण सेवाएँ दे रहे हैं। यह टास्क फोर्स इस लड़ाई में तमाम विशेषज्ञों को जोड़ने और इस विषय में निर्णायक कार्य करने में अग्रणी है। साथ ही, मैं स्वयं प्रधानमंत्री जी को लगातार सूचित करता रहता हूँ और उनके सुझाव भी पाता रहता हूँ। ऐसे समय में, इस तरह की सनसनी फैलाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मीडिया की ऐसी हरकतों से, महामारी के इस दौर में, एक राष्ट्रीय स्तर की लड़ाई में हानि ही होती है।”

इसके साथ ही कारवाँ ने लेख में दावा किया था कि ये कमिटी सिर्फ़ दिखावे के लिए बनाई गई है। एक दूसरे अनाम सदस्य के हवाले से ये भी दावा किया गया कि बैठकों के डिटेल्स सीधे कैबिनेट सेक्रेटरी को भेजे गए, लेकिन टास्क फोर्स के साथ साझा नहीं किए गए। कॉन्ग्रेस नेता इससे पहले भी कोरोना पर झूठ फैला चुके हैं

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण की 89 सीटों पर मतदान, 1198 उम्मीदवारों का फैसला करेंगे मतदाता, मैदान में 5 केंद्रीय मंत्री और 3 राजघरानों...

दूसरे चरण में 5 केंद्रीय मंत्री चुनाव मैदान में हैं, जिसमें वी. मुरलीधरन, राजीव चंद्रशेखर, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे चुनाव मैदान में हैं।

हिंदुओं से घृणा और इस्लामी कट्टरपंथ से मोहब्बत: प्रिंसिपल परवीन शेख पर ऑपइंडिया की रिपोर्ट से जागा मशहूर सोमैया स्कूल, बोला- करेंगे कार्रवाई

सोमैया ट्रस्ट ने ऑपइंडिया की रिपोर्ट के जवाब में कहा कि हमें परवीन शेख के इस पहलू के बारे में पता नहीं था, ये पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe