"मैं वादा करता हूँ कि लिबर्टी और इंडिगो अब जीवन में कभी क्रूरता का सामना नहीं करेंगे, यहाँ तक कि किसी कसाई का हाथ तक उन्हें नहीं छू पाएगा। दोनों की देखरेख एक फार्म में की जाएगी। वो जैसे-जैसे बड़े होंगे, हमें याद आता रहेगा कि कुछ दोस्तियाँ अचानक से कहीं भी हो जाती हैं।"
इस विश्वविद्यालय का प्रारम्भिक बजट 5 मिलियन डॉलर का है, जो प्राचीन भारतीय पद्धति पर शोधों को भी बढ़ावा देगी। एचआर नरेंद्र को यूनिवर्सिटी का चेयरमैन और श्री श्रीनाथ को प्रेसीडेंट बनाया गया है।
"उस रात इस्लामी आतंकियों ने 3 विकल्प दिए थे - कश्मीर छोड़ दो, धर्मांतरण कर लो, मारे जाओ। गिरिजा टिक्कू को सामूहिक बलात्कार कर टुकड़ों में काट दिया। बीके गंजू को गोली मारी और उनकी पत्नी को खून से सने चावल (वो भी पति के ही खून से सने) खाने को मजबूर किया।"
रावलपिंडी स्थित कंपनी 'बिजनस वर्ल्ड' से जुड़े पाँच पाकिस्तानियों पर अमेरिका में आरोप लगा है कि उन्होंने पाकिस्तान के न्यूक्लियर और मिसाइल प्रोग्राम के लिए अमेरिकी तकनीक की स्मगलिंग की है।
पहले तो ईरान इस बात से साफ़ इनकार करता रहा कि इस घटना में उसका हाथ है। लेकिन, कुछ ही समय में हकीक़त सभी के सामने आ गई। इसके बाद ख़ुद ईरान के राष्ट्रपति रुहानी ने स्वीकार किया कि एक मानवीय भूल से मिसाइल ग़लत दिशा में चली गई, जिससे विमान हादसे का शिकार हो गया।
1990 में जब इराक़ ने कुवैत पर हमला किया था, तब वहाँ से 1 लाख 70 हज़ारो भारतीयों को निकाला गया था। लगभग ढाई महीने चली उस प्रक्रिया में एयर इंडिया की 488 फ्लाइट्स ने उड़ान भरी थी। आज खाड़ी देशों में हमारे 1 करोड़ लोग हैं।
सीएए पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए अमेरिका के स्टेट सेक्रेटरी माइक ने कहा कि सीएए को लेकर संसद में हुई लम्बी बहस को जिसने भी देखा-सुना होगा, उसे पता होगा कि इस क़ानून के द्वारा पड़ोसी देशों के पीड़ित अल्पसंख्यकों को अधिकार मिल रहा है।
"पूर्व में मैं भारत के बारे में जो कुछ भी जानता था, मुझे लगता था कि वहाँ स्थिति अच्छी नहीं है। वहाँ काफ़ी अनबन और लड़ाइयाँ होती रहती थीं। पीएम मोदी एक पिता की तरह सभी को साथ लेकर आए। पीएम मोदी ने चीजों को ठीक कर के एक अच्छा कार्य किया है।"
"भारतीय मूल के लोग अमेरिका के हर सेक्टर में काम कर रहे हैं, यहाँ तक कि सेना में भी। भारत एक असाधारण देश है और वहाँ की जनता भी बहुत अच्छी है। हम दोनों का संविधान 'We The People' से शुरू होता है और दोनों को ही ब्रिटिश से आज़ादी मिली।"
इमरान ख़ान सऊदी क्राउन प्रिंस के स्पेशल प्लेन से अमेरिका पहुँचे। फिर भी इमरान ख़ान के लिए रेड कार्पेट नहीं बिछा। वहीं पीएम मोदी के लिए यह तो बिछा ही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी उनके सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया।