वह सावरकर ही थे जिन्होंने पहले मराठी और फिर अंग्रेजी में प्रकाशित ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’/The Indian War of Independence के ज़रिए इस लड़ाई के असली रूप को जनचेतना में पुनर्जीवित किया।
"महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस ने सावरकर के चरित्र को धूमिल करने के लिए उनके खिलाफ आर्टिकल छापे। मैं सीएम से एक्शन लेने की अपील करता हूॅं। हमने कॉन्ग्रेस के खिलाफ दो केस दर्ज किए हैं और अब बॉम्बे हाई कोर्ट में कॉन्ग्रेस के खिलाफ 100 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा दर्ज करेंगे।"
"ये वही कॉन्ग्रेस पार्टी है जिसने इमरजेंसी में अटल बिहारी वाजपेयी को कारावास में बंद किया। चौधरी चरण सिंह, जेपी को कारावास में बंद किया। मुंबई में स्मगलर करीम लाला को खुला छोड़ दिया।"
"जो लोग वीर सावरकर का विरोध करते हैं वे किसी भी विचारधारा या पार्टी से हों, उन्हें दो दिन के लिए अंडमान के सेल्यूलर जेल में भेज दो। जहाँ सावरकर को बंधक बनाया गया था। तब उन्हें उनके बलिदान और उनके योगदान का अहसास होगा।"
"मैं यहाँ मुख्यमंत्री से मिलने आया। मैंने उनसे मिलने हेतु अपॉइंटमेंट के लिए कई गुजारिश की। लेकिन मैं उनसे नहीं मिल सका। सावरकर जी की इज्जत का मामला होने के बाद भी उनके (मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे) पास मुझसे बात करने के लिए एक मिनट का समय नहीं हैं।"
"हम कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से माँग करते हैं कि अगर राहुल गाँधी से जुड़ी इस बात में सच्चाई नहीं है, तो कॉन्ग्रेस पार्टी उनकी (राहुल गाँधी) वर्जिनिटी की जाँच कराएँ, उनके समलैंगिक न होने की जाँच कराएँ। हम भी सावरकरजी पर मूल्यांकन के लिए तैयार हैं।"
सेवादल की बैठक में कॉन्ग्रेस ने सावरकर पर विवादित पुस्तिका बॉंटी है। इसमें दावा किया गया है कि सावरकर ने 12 साल की उम्र में एक मस्जिद पर पथराव किया। अल्पसंख्यक महिलाओं के साथ बलात्कार करने के लिए हिंदुओं को प्रोत्साहित किया।
सावरकर को लेकर राहुल गॉंधी की टिप्पणी पर भाजपा और शिवसेना का आक्रामक रवैया बरकरार है। इसका असर आज से शुरू हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र पर भी दिखा। इस बीच, केंद्रीय मंत्री अठावले ने राज्य में सियासी भूकंप के संकेत दिए हैं।
"शिवसेना अपने एजेंडे पर कायम है। उसने CAB पर केंद्र का साथ दिया और अब सावरकर पर भी उसे कॉन्ग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है। फिर भी कांग्रेस महाराष्ट्र सरकार में बनी हुई है। यह नाटकबाजी है।"
"यदि राहुल गॉंधी का नाम राहुल सावरकर होता तो हम सबको अपना मुॅंह छिपाना पड़ता। अब हम उम्मीद करते हैं कि उद्धव ठाकरे अपना वादा निभाएँगे। वे कई बार कह चुके हैं कि यदि किसी ने सावरकर का अपमान किया तो वे उसे सार्वजनिक रूप से पीटेंगे। मैं उम्मीद करता हूॅं कि शिवसेना ने सावरकर पर अपना स्टैंड नहीं बदला होगा।"