Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीतिकॉन्ग्रेस से गठबंधन के चलते CM उद्धव के पास वीर सावरकर के लिए समय...

कॉन्ग्रेस से गठबंधन के चलते CM उद्धव के पास वीर सावरकर के लिए समय नहीं, रंजीत सावरकर लौटे खाली हाथ

कॉन्ग्रेस द्वारा की गई सावरकर पर ओछी हरकत के खिलाफ़ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए रंजीत सावरकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने पहुँचे थे। लेकिन मुख्यमंत्री ने उन्हें एक मिनट बात करने का समय तक भी नहीं दिया।

कॉन्ग्रेस सेवादल द्वारा वीर सावरकर पर विवादित बुकलेट का मुद्दा गर्माने के बाद सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने इस पर अपना विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने माँग की है कि इस मामले के संबंध में राहुल गाँधी समेत कॉन्ग्रेस के कई लोगों पर मामला दर्ज होना चाहिए।

एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, “सावरकर जी पर लगाए आरोपों के मामले में राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस सेवा दल समेत कई लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज होना चाहिए।”

गौरतलब है कि शिवसेना के साथ महाराष्ट्र में गठबंधन की सहयोगी पार्टी कॉन्ग्रेस द्वारा की गई सावरकर पर ओछी हरकत के खिलाफ़ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए रंजीत सावरकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने पहुँचे थे। लेकिन मुख्यमंत्री ने उन्हें एक मिनट बात करने का समय तक भी नहीं दिया।

मीडिया से बात करते हुए रंजीत सावरकर ने कहा,“मैं यहाँ मुख्यमंत्री से मिलने आया। मैंने उनसे मिलने हेतु अपॉइंटमेंट के लिए कई गुजारिश की। लेकिन मैं उनसे नहीं मिल सका। सावरकर जी की इज्जत का मामला होने के बाद भी उनके (मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे) पास मुझसे बात करने के लिए एक मिनट का समय नहीं हैं। मैं बहुत आहत हूँ। ये सावरकर जी का अपमान है। “

उल्लेखनीय है कि वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने इस विवादित पुस्तिका पर रोक लगाने की माँग की है। साथ ही रंजीत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपील की है कि वह राज्य में इस किताब पर बैन लगा दें। रंजीत सावरकर ने अपील की है कि इस मामले में सेक्शन 120, 500, 503, 504, 505 और 506 के तहत केस दर्ज किया जाना चाहिए।

उनका कहना है कि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को भी इस मामले में दखल देना चाहिए और एक्शन लिया जाना चाहिए। रंजीत सावरकर ने कहा कि मध्य प्रदेश में ऐसी किताबें कॉन्ग्रेस ही बाँट रही है, उनकी ओर से सावरकर को बदनाम करने का लगातार इस तरह का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में शिवसेना को कॉन्ग्रेस के सामने आपत्ति दर्ज करानी चाहिए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -