Sunday, November 17, 2024

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Vinayak Damodar Savarkar

सावरकर को न मानने वाले को चौक पर पीटा जाना चाहिए: उद्धव ठाकरे

आरोप था कि आर्ट्स फैकल्टी गेट पर इन मूर्तियों को सोमवार (19 अगस्त) की देर रात को DUSU के अध्यक्ष शक्ति सिंह और ABVP ने लगाया था, और अनुमति नहीं ली गई।

हिन्दुओं के खिलाफ सशस्त्र जिहाद की घोषणा करने वाले अलगाववाद के जनक सर सैयद अहमद खान थे असली ‘वीर’

सावरकर की प्रतिमा पर यह देश बेवजह अपना समय और संसाधन व्यर्थ करता है। सर सैयद अहमद खान के योगदान और उनके ज़हरीले, हिन्दू-विरोधी और हिंसक भाषणों को याद करने भर से ही तय हो जाता है कि इस देश को किन लोगों पर गर्व होना चाहिए।

वीर सावरकर की प्रतिमा पर पोती कालिख, पहनाया जूतों का हार: DU में कॉन्ग्रेसी छात्र संगठन की करतूत

सावरकर की प्रतिमा को एनएसयूआई दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष अक्षय ने जूते की माला पहनाई। उसने समर्थकों संग मिल कर प्रतिमा के चेहरे पर कालिख पोत दिया। इस दौरान एनएसयूआई के छात्रों की सुरक्षाकर्मियों से झड़प भी हुई।

लता मंगेशकर को तो छोड़ दो कॉन्ग्रेसियों, सावरकर की तारीफ़ कर उन्होंने ऐसा क्या गुनाह कर दिया भाई!

यह पहली बार नहीं है जब मुंबई कॉन्ग्रेस के नेताओं द्वारा भारत रत्न से सम्मानित गायिका लता मंगेशकर को लेकर बुरा-भला कहा गया हो। इससे पहले जब नवम्बर 2013 में लता मंगेशकर ने नरेन्द्र मोदी का समर्थन किया था, तब जनार्दन चांदुरकर ने कहा था कि उनका भारत रत्न पुरस्कार छीन लेना चाहिए।

आज़ाद भारत में नेहरू ने सावरकर पर लगाया ‘प्रतिबन्ध’, जानिए फिर शास्त्री ने कैसे किया ‘न्याय’

जिस देश को आज़ाद कराने की कोशिश में सावरकर ने अंग्रेजों द्वारा कालापानी की सज़ा पाई, उसी देश के आज़ाद होने के बाद की नेहरू सरकार ने सावरकर का मुँह पर ताला लगा दिया। नेहरू ने सावरकर के साथ सौतेला व्यवहार किया। जानिए कैसे लाल बहादुर शास्त्री ने किया सावरकर के साथ 'न्याय'....

महात्मा गाँधी की अध्यक्षता में सावरकर के सम्मान में कविता पाठ: किस्सा जो आज के कॉन्ग्रेसी भूल गए

यह एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी की दास्ताँ है, जिसे उसका वास्तविक हक कभी नहीं मिला। वर्तमान कॉन्ग्रेस को शायद जानकारी नहीं है। साल 1923-24 में कॉन्ग्रेस अधिवेशन की महात्मा गाँधी अध्यक्षता कर रहे थे, तो सावरकर के सम्मान में कविता पाठ किया गया था।

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