मुजफ्फरनगर में सीएए विरोध के नाम पर हुई हिंसा के दौरान कई बच्चे पुलिस पर पत्थर फेंकते और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाते देखे गए थे। इस संबंध में अब तक 47 मामले दर्ज किए गए हैं। 250 से अधिक आरोपितों में से करीब 80 गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
अचानक कुछ मुस्लिम युवक बिना साइलेंसर वाली मोटरसाइकल चलाकर हल्ला करने लगे। रात का समय होने के कारण इलाके में रह रहे हिंदुओं को इससे परेशानी होने लगी। उन्होंने आपत्ति जताई तो विवाद बढ़ गया। देखते ही देखते मुस्लिम समुदाय के लोगों ने...
JNUSU का कहना है कि वो JNU में तब तक कोई क्लास नहीं चलने देंगे जब तक वाइस चांसलर इस्तीफ़ा नहीं दे देते हैं। इसके जवाब में JNU के प्रोफेसर वैज्ञानिक आनंद रंगनाथन ने ट्वीट करते हुए कहा है कि अगर क्लास में एक भी विद्यार्थी न हुआ तब भी अपना लेक्चर देंगे।
एक वीडियो में सीपीआई नेता डी. राजा की बेटी अपराजिता के हाथ में डंडा है। लेफ्ट विंग के ऐक्टिविस्टिस और छात्र विडियो में मफलर पहने हुए रॉड और डंडे इकट्ठे करते दिख रहे हैं। दूसरे वीडियो में वामपंथी प्रोफेसर बीएस बडोला को सुरक्षाकर्मियों को धमकी देते देखा जा सकता है।
"आप मुझसे तारीख मत पूछिए, मैंने आपसे कह दिया तो ये होकर रहेगा। हम कोशिश ही कर सकते हैं और कोशिश ही कर रहे हैं। आप लोग थोड़ा टाइम दीजिए। आप लोग परीक्षाओं को FIR से नहीं जोड़ सकते हैं। हम कोर्ट जाएँगे और कोर्ट की तारीखें हम तय नहीं कर सकते हैं। आप लोगों की ही माँग पर यूनिवर्सिटी को खोला गया।"
मानव संसाधन विकास मंत्रालय और JNU छात्र संघ की बैठक हुई। स्पष्ट कहा गया कि प्रशासन प्रदर्शन में शामिल हुए छात्रों के प्रति नरम रवैया रखेगा और उन्हें सजा नहीं देगा। लेकिन JNUSU का वही अड़ियल रवैया - "VC विश्वविद्यालय को चलाने के लायक नहीं। उन्हें हटाया जाए।"
आख़िर क्या कारण था कि एक संस्कृत विभाग में शोध करने वाले नेत्रहीन छात्र के कमरे में ही उग्र भीड़ ने उनकी जम कर पिटाई कर दी। भीड़ में से एक लड़की ने कहा- "मारो साले को" और रॉड लेकर वो पिल पड़े। जेएनयू हिंसा की कहानी, एक पीड़ित नेत्रहीन छात्र की जुबानी।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय 13 जनवरी को खुलने वाला है। इससे पहले वाइस चांसलर ने खुद और अपने परिवार के ऊपर जान का खतरा बताया है। उन्होंने कैंपस में फिर से हिंसा की आशंका जताई है।
JNU में हुई हिंसा में छात्र संघ प्रेसीडेंट आइशी घोष समेत चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, प्रियरंजन, योगेंद्र भारद्वाज, वास्कर विजय मेक, सुचिता तालुकदार, डोलन सामंता और विकास पटेल का नाम शामिल है। हिंसा के पीछे एक व्हाट्सएप ग्रुप का भी हाथ है, जिसका नाम है- यूनिटी अगेन्स्ट लेफ्ट।
वीसी ने हिंसा के कारणों की पड़ताल करने और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाय सुझाने को लेकर समिति गठित की है। लेकिन, JNUTA ने इसमें शामिल सदस्यों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। JNUTA वैचारिक रूप से JNUTF का विरोधी माना जाता है।