Thursday, May 15, 2025
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एक भी छात्र न हुआ तब भी दूँगा लेक्चर: आइशी घोष की क्लास बंद करने की धमकी पर JNU प्रोफेसर का बयान

"मैंने अभी एक क्लास ली है और यदि पूरा ऑडिटोरियम खाली भी रहा तब भी क्लास लेता ही रहूँगा। एक कक्षा में जितना अवसर एक छात्र के लिए कुछ नया सीखने का होता है, उतना ही एक शिक्षक के लिए भी होता यही। और इस परम्परा को कोई भी नहीं तोड़ सकता है, ना ही प्रधानमंत्री रोक सकते हैं और ना ही राष्ट्रपति तो फिर तुम कौन हो?"

JNU में लेफ्ट विंग दल जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (JNUSU) का कहना है कि वो JNU में तब तक कोई क्लास नहीं चलने देंगे जब तक वाइस चांसलर जगदीश कुमार इस्तीफ़ा नहीं दे देते हैं। या उनको हटाया नहीं जाता है। इसके जवाब में JNU के प्रोफेसर वैज्ञानिक आनंद रंगनाथन ने ट्वीट करते हुए कहा है कि अगर क्लास में एक भी विद्यार्थी न हुआ तब भी अपना लेक्चर देंगे।

अपनी प्रतिक्रिया में प्रोफेसर आनंद रंगनाथन ने लिखा है कि किसी विद्यालय में सीखने के लिए जितना अवसर किसी छात्र के लिए होता है उतना ही एक शिक्षक के लिए होता है और कोई भी इस परंपरा को नहीं तोड़ सकता है। छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष 5 जनवरी को JNU में हुई हिंसा का आरोप JNU वाइस चांसलर पर लगाया है।

वैज्ञानिक प्रोफेसर आनंद रंगनाथन ने TOI की न्यूज़ रीट्वीट करते हुए लिखा है- “मैंने अभी एक क्लास ली है और यदि पूरा ऑडिटोरियम खाली भी रहा तब भी क्लास लेता ही रहूँगा। एक कक्षा में जितना अवसर एक छात्र के लिए कुछ नया सीखने का होता है, उतना ही एक शिक्षक के लिए भी होता यही। और इस परम्परा को कोई भी नहीं तोड़ सकता है, ना ही प्रधानमंत्री रोक सकते हैं और ना ही राष्ट्रपति तो फिर तुम कौन हो?”

दरअसल, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ ने माँग की थी कि कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाया जाए और वह जल्द से जल्द इस्तीफा दें। छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा था, “जेएनयू के कुलपति के इस्तीफे की हमारी माँग कायम है। हम सलाहकारों और पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाएँगे और फैसला करेंगे कि प्रदर्शन वापस लेना है या नहीं। हमनें अपनी बात रख दी है और अंतिम फैसले के लिये मंत्रालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।”

पहले भी प्रोफेसर रंगनाथन व उनके साथियों को JNU में लैब में घुसने से रोक दिया गया था। तब ए रंगनाथन लाख मिन्नतें करते रहे कि विज्ञान विभाग किसी अन्य विभाग की तरह थ्योरेटिकल नहीं है बल्कि यहाँ प्रैक्टिकल होते हैं, लेकिन छात्र नहीं माने। प्रोफेसर ने कहा कि कई अहम एक्सपेरिमेंट करने होते हैं, इसके लिए महँगे उपकरण मँगाए जाते हैं और इन सभी चीजों के लिए आम नागरिक के टैक्स से मिले रुपयों का इस्तेमाल होता है। सोशल मीडिया पर अपनी आपबीती सुनाते हुए रंगनाथन ने लिखा था कि इन हरकतों की वजह से किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि सबकी हानि होगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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