Wednesday, April 24, 2024
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हिंसा के 28 दिन बाद जामिया की VC ने दिल्ली पुलिस के ख़िलाफ़ दिया बयान, छात्रों ने कहा- हमें यकीन नहीं

जामिया छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर दिल्ली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने के आरोप लगाए हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों द्वारा कार्रवाई की माँग की जा रही है। साथ ही छात्रों ने पुलिस के खिलाफ केस दर्ज नहीं होने तक परीक्षा में नहीं बैठने का फैसला किया है।

जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में 15 दिसंबर को सुरक्षा के लिहाज से कैंपस में दाखिल हुई पुलिस की कार्रवाई को लेकर छात्रों ने आज यानी सोमवार को कुलपति नज़मा अख्तर के दफ्तर का घेराव किया। छात्रों ने दफ्तर के बाहर नारेबाजी करते हुए कैम्पस में पुलिस कार्रवाई को लेकर एफआईआर दर्ज करवाने की माँग की। जिसके बाद कुलपति अख्तर ने घटना के 28 दिन बाद मीडिया के सामने आकर बयान दिया कि हमारे कैम्पस में पुलिस बिना पूछे दाखिल हुई थी, और उन्होंने मासूम छात्रों को पीटा था।

नजमा अख्तर के अनुसार पुलिस उनकी एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है, इसलिए उन्होंने इस संबंध में सरकार से शिकायत की है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट्स के अनुसार नजमा अख्तर ने छात्रों से बात करते हुए भरोसा दिलाया कि जरूरत पड़ी तो वह हाईकोर्ट भी जाएँगे। लेकिन बावजूद इसके छात्रों ने प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने कहा कि हमें कुलपति की बातों पर भरोसा नहीं है।

गौरतलब है कि जामिया छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर दिल्ली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने के आरोप लगाए हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों द्वारा कार्रवाई की माँग की जा रही है। साथ ही छात्रों ने पुलिस के खिलाफ केस दर्ज नहीं होने तक परीक्षा में नहीं बैठने का फैसला किया है। ऐसे में छात्रों की नाराजगी देखते हुए नजमा अख्तर सोमवार को उनसे मिलने पहुँचे और उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया।

उन्होंने छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “हमने सरकार को अपनी आपत्तियाँ भेजी हैं, अब हम कोर्ट भी जाएँगे। एक पत्रकार ने मेरा आधा-अधूरा इंटरव्यू दिखाया, मैं कहती हूँ कि वो मेरा पूरा इंटरव्यू दिखाए। मैं आप सभी से निवेदन करती हूँ कि आप अपने शब्द मेरे मुँह में नहीं डालें। जो मुझे बोलना है वो मैं बोलूँगी। दिल्ली पुलिस हमारे कैंपस में हमसे पूछे बगैर आई थी। उन्होंने हमारे मासूम बच्चों को पीटा था। हम न्याय की दिशा में हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं।”

इसके बाद नजमा अख्तर ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ FIR दर्ज कराने वाले सवाल पर छात्रों को आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “आप मुझसे तारीख मत पूछिए, मैंने आपसे कह दिया तो ये होकर रहेगा। हम कोशिश ही कर सकते हैं और कोशिश ही कर रहे हैं। आप लोग थोड़ा टाइम दीजिए। आप लोग परीक्षाओं को FIR से नहीं जोड़ सकते हैं। हम कोर्ट जाएँगे और कोर्ट की तारीखें हम तय नहीं कर सकते हैं। आप लोगों की ही माँग पर यूनिवर्सिटी को खोला गया।”

बता दें, बातचीत के दौरान छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए। छात्रों ने कहा कि चीफ प्रॉक्टर ने प्रदर्शनकारी छात्रों के लिए कहा कि एक बार फिर इन्हें पीटा जाए। लेकिन चीफ प्रॉक्टर ने छात्रों के आरोपों का खंडन किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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