आरोपित की पहचान ताजेमुल के रूप में हुई है, जिसे स्थानीय लोग JCB नाम से बुलाते हैं। वो 'त्वरित न्याय' देने के लिए जाना जाता है, उसकी नज़र में पुलिस-कोर्ट की कोई हैसियत नहीं।
किसी का घर लूट लिया गया, किसी की दुकान में ताला जड़ दिया गया, तो कहीं भाजपा का दफ्तर ही फूँक दिया गया। पलायन को मजबूर कार्यकर्ता पार्टी के दफ्तरों में बिता रहे रात।
पश्चिम बंगाल में हिंसा का आरोप सत्ताधारी दल पर ही है, अर्धसैनिक बल भी 4 जून के बाद उनके ही हाथ में रहेंगे - ऐसे में क्या गारंटी है कि हिंसा के मामलों में निष्पक्ष कार्रवाई होगी?