द वायर का कहना है कि इस मामले की 'जाँच' अभी भी जारी है। इस जाँच में उन्होंने पाया है कि वे अपनी 'रिपोर्टिंग टीम' द्वारा उपयोग किए गए सोर्स का वेरिफिकेशन करने में असमर्थ हैं।
वी आनंद नाम के एक प्राइवेसी रिसर्चर ने 20 अक्टूबर को ट्विटर पर इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने मेटा विवाद में द वायर के देवेश कुमार के काम का समर्थन किया।