मीडिया गिरोह की मानें तो अब अगर चीन की कोई नगर पालिका या ग्राम पंचायत भी भारत में फासिस्ट मोदी सरकार के दौरान चाउमीन में डाली जा रही शिमला मिर्च के खिलाफ प्रस्ताव जारी कर दे, तो मोदी सरकार की जड़ें हिलते देर नहीं लगेगी।
इन लोगों ने हाथों में तख्तियाँ और तिरंगा झंडा लिया हुआ था। इन तख्तियों में लिखा था कि भारत के संविधान और 'वन्दे मातरम' का सम्मान करो। इसी रैली में अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने वाले फ़ैसले की भी तारीफ की गई। स्कॉटलैंड में खालिस्तानियों के ख़िलाफ़ नारेबाजी हुई।
रावलपिंडी स्थित कंपनी 'बिजनस वर्ल्ड' से जुड़े पाँच पाकिस्तानियों पर अमेरिका में आरोप लगा है कि उन्होंने पाकिस्तान के न्यूक्लियर और मिसाइल प्रोग्राम के लिए अमेरिकी तकनीक की स्मगलिंग की है।
हमने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की है, जिससे कि आतंक प्रयोजित और उनके लिए फंडिंग करने वाले देशों को कूटनीतिक तरीके से विश्व स्तर पर अलग-थलग किया जा सके। हम आतंक को खत्म करना चाहते हैं तो हमें अमेरिका द्वारा 9/11 के बाद आंतकियों के ख़िलाफ अपनाई गई नीति को अपनाना होगा
पहले तो ईरान इस बात से साफ़ इनकार करता रहा कि इस घटना में उसका हाथ है। लेकिन, कुछ ही समय में हकीक़त सभी के सामने आ गई। इसके बाद ख़ुद ईरान के राष्ट्रपति रुहानी ने स्वीकार किया कि एक मानवीय भूल से मिसाइल ग़लत दिशा में चली गई, जिससे विमान हादसे का शिकार हो गया।
वीडियो में दिखाया गया कि हवाई अड्डे के पास ऊपर एक विमान को मिसाइल ने निशाना बनाया, तभी एक छोटा धमाका हुआ, लेकिन विमान में विस्फोट नहीं हुआ। इसके कई मिनट बाद तक वो उड़ान भरता रहा लेकिन हवाई अड्डे से पहले वो दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
1990 में जब इराक़ ने कुवैत पर हमला किया था, तब वहाँ से 1 लाख 70 हज़ारो भारतीयों को निकाला गया था। लगभग ढाई महीने चली उस प्रक्रिया में एयर इंडिया की 488 फ्लाइट्स ने उड़ान भरी थी। आज खाड़ी देशों में हमारे 1 करोड़ लोग हैं।
जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या होने के बाद ईरान ने अमेरिका की सभी सेनाओं को आतंकी घोषित कर दिया है। इसके बाद अब ईरान अपने क्षेत्र के आसपास मौजूद अमेरिकी सेना पर कार्रवाई कर सकता है। ईरानी संसद के मुताबिक, अब पश्चिमी एशिया में.......
यह हमला बगदाद में एयरपोर्ट पर अमेरिकी रॉकेट हमले में ईरान के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद हुआ है। बगदाद स्थित ग्रीन ज़ोन में लगातार यह दूसरा हुआ हमला है। इससे पहले, शनिवार की रात को भी रॉकेट से अमेरिकी दूतावास और एयरबेस पर रॉकेट से हमला किया गया था।
कमांडर सुलेमानी की मौत के बाद ईरान ने कोम की जमकारन मस्जिद की गुंबद पर लाल झंडा लहरा दिया है। इसे अमेरिका के खिलाफ जंग के ऐलान के तौर पर देखा जा रहा है। लाल झंडा शिया परंपरा में ख़ूनी प्रतिशोध का प्रतीक होता है।