कोर्ट ने कहा इस मामले की सुनवाई में होने वाली किसी भी प्रकार की देरी उस उद्देश्य को ही गैर-ज़रूरी रूप से ख़त्म कर देगी, जिसके लिए स्पेशल कोर्ट का गठन हुआ।
आरती का कहना है कि जैसे एक व्यक्ति ने नाजी जर्मनी में ' हैल हिटलर' पर हाथ उठा कर सम्मान नहीं दिया, वैसा ही अरविन्द केजरीवाल ने 'वन्दे मातरम्' के साथ किया।
आँकड़े बताते है कि वर्ष 2008-2015 तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का परीक्षा परिणाम कभी भी 85% से कम नही हुआ। लेकिन राजनीतिक लाभ और मीडिया मैनेजमेंट के लिए बच्चों को आक्रामक रूप से 9वीं और 11वीं में रोक दिया जाना कितना उचित है?