Tuesday, September 17, 2024

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आरक्षण

गुजरात सरकार ने सामान्य वर्ग के वंचितों को दिया तोहफ़ा, आरक्षण से हटाई घर व भूमि की शर्तें

दरअसल केंद्र सरकार द्वारा सांसद में पारित बिल के अनुसार समान्य वर्ग के आर्थिक रुप से कमज़ोर उन लोगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा जिनकी वार्षिक आय ₹8 लाख से कम है।

10% जनरल कोटा: 3 लाख सीटें बढ़ेंगी IIT-IIM सहित केंद्र-पोषित विश्वविद्यालयों में

सामान्‍य वर्ग (आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों) के लिए 10% रिजर्वेशन के बाद केंद्र सरकार अब इसे धरातल पर उतारने की तैयारी में। दो चरणों (2019-20 और 2020-21) में तीन लाख तक सीटें बढ़ाने का निर्णय।

OBC आरक्षण का दायरा बढ़ने की उम्मीद, हो सकती है बजट सत्र में घोषणा

माना जा रहा है कि आने वाले बजट सत्र में मोदी सरकार इस सन्दर्भ में OBC जातियों में, कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर, उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को नज़र में रखते हुए उनकी समुचित हिस्सेदारी और प्रतिनिधित्व तय करेगी।

सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण संबंधी विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी, बना कानून

सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा इसके नियम एवं शर्तों को अंतिम रूप देने के साथ ही ये क़ानून लागू हो जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में करीब एक हफ़्ता लगने की उम्मीद है

10% कोटा बिल को अदालत में चुनौती देने वाली NGO का यू-टर्न

एक तरफ़ YFE ने इस बिल को अदालत में चुनौती दे रखी है वहीं दूसरी तरफ़ वो इसका समर्थन भी कर रही है।

सामान्य वर्ग में आरक्षण के लिए ₹8 लाख और 5 एकड़ फ़ाइनल नहीं: केंद्रीय मंत्री

सामान्य वर्ग में आरक्षण के तहत सरकार अब ₹8 लाख और 5 एकड़ जमीन वाले दायरे को कम कर सकती है

सामाजिक न्याय को तरसते ‘दलित’ सिर्फ़ SC/ST में ही सीमित नहीं

अगर जातिगत आरक्षण से आपको समस्या नहीं है, तो फिर आर्थिक आरक्षण से तो बिलकुल ही नहीं होनी चाहिए क्योंकि जातिगत आरक्षण की जड़ में यही अवधारणा है कि इन जातियों के लोग ग़रीब और वंचित हैं।

सामान्य वर्ग के गरीबों को 10% आरक्षण देने वाले बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

यूथ फॉर इक्वलिटी' नामक NGO ने सुप्रीम कोर्ट में विधेयक के खिलाफ याचिका दायर करते हुए कहा है कि आर्थिक आधार पर आरक्षण देना कोर्ट के फैसले के खिलाफ है।

आरक्षण बिल पर अमित शाह ने रामगोपाल यादव को संसद में दिया करारा जवाब- याद दिलाया मुस्लिम आरक्षण

सपा के नेता रामगोपाल यादव ने बीजेपी सरकार द्वारा लाए आरक्षण बिल को बेमतलब का बताया और कहा कि इस बिल का कोई भी फायदा नहीं है।

आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्गों को आरक्षण सही मायने में ‘सबका साथ सबका विकास’

अब तक ये इसलिए ख़ारिज होता रहा है क्योंकि संविधान में इसका प्रावधान ही नहीं किया गया था। इस बार संविधान में इसका प्रावधान किया गया है, इसलिए यह संविधान सम्मत है।

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